लोकसभा  चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था. राजकुमार रोत इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़े थे. बांसवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद निवार्चित हुए. इसके पहले चौरासी विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थे. सांसद बनने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया. चौरासी विधानसभा सीट खाली हो गई. इस सीट पर होने वाले उप-चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) अकेले चुनाव लड़ेगी. भारत आदिवासी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा पर पिछले दो चुनावों से भारत आदिवासी पार्टी  का कब्जा है.  BAP के राजकुमार रोत यहां से लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. पिछले चुनाव में राजकुमार ने भाजपा के सुशील कटारा को 70 हजार मतों से हराया था. चौरासी विधानसभा में BAP की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है. विधायक के उप-चुनाव में BAP इस सीट पर कब्जा बनाए रखने के लिए पूरा प्रयास करेगी. सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा भी इस बार BAP का  गढ़ ढहाने का इरादा लेकर मजबूती से चुनावी मैदान में उतरने के मुड़ में है. पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी यहां तीसरे स्थान पर थी. कांग्रेस के उम्मीदवार ताराचंद भगोरा की जमानत जब्त हो गई थी. चौरासी सीट पर उप-चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा से पूनावाडा सरपंच मनोहरलाल डामोर, बड़गामा सरपंच कांतिलाल अहारी, भचड़िया सरपंच गट्टूसिंह डामोर, गंधवा सरपंच ईश्वर विहात, पूर्व प्रधान महेंद्र बरजोड़ में से कोई एक हो सकता है. चुनावी समीकरण की बात करें तो लोकसभा चुनाव में BAP और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था, जिसकी वजह से  कांग्रेस ने BAP के राजकुमार रोत को अपना समर्थन देते हुए उम्मीदवार नहीं उतारा था.  गठबंधन की बात आती है तो उम्मीदवार किस पार्टी का होगा यह आने वाले समय में ही तय होगा. लेकिन, यहां गठबंधन के आसार कम ही है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार रोत ने कांग्रेस से गठबंधन की बात को नकारते हुए कहा था कि कांग्रेस ने उन्हें समर्थन दिया था, गठबंधन नहीं हुआ था.

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