प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा- 60 साल के बाद यह हुआ है कि 10 साल के बाद कोई एक सरकार की वापसी हुई है। यह घटना असामान्य है।कुछ लोग जानबूझकर के उससे अपना मुंह फेरकर बैठे रहे। कुछ को समझ नहीं आया। जिसे समझ आया उन्होंने ऐसा हो हल्ला किया जिससे देश की जनता के फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश की। मैं दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर में उन्हें पराजय भी स्वीकार हो रही है और हमारी विजय भी।कांग्रेस के कुछ साथियों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे दस साल हुए हैं, बीस साल बाकी है। उनके मुंह में घी शक्कर।मोदी ने आगे कहा कि किसी भी सरकार के लिए हमारा संविधान लाइट हाउस का काम करता है। मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो आज जो संविधान की कॉपी लेकर कूद रहे हैं, उन्होंने विरोध किया था। वे कहते थे 26 जनवरी तो है। 7 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया कि उसके लाभार्थी 3 करोड़ किसान थे। सामान्य छोटे किसान जो जरूरतमंद थे, उसको इसका लाभ नहीं मिला जब किसान कल्याण हमारे मन में हो तो नीतियां कैसे बनती है, वो मैं बताता हूं। देश देख रहा है झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती।जिनका सत्य से मुकाबला करने का जिनके हौसले नहीं है, वो बैठकर के इतनी चर्चा के बाद उन्होंने उठाए हुए सवालों के जवाब भी सुनने की हिम्मत नहीं है। ये अपर हाउस को अपमानित कर रहे हैं अपर हाउस की परंपरा को अपमानित कर रहे हैं।