देश में तीनों नए आज यानी एक जुलाई से कानून लागू हो गए हैं. अब भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के तहत न्याय व्यवस्था आगे बढ़ेगी. नए कानून में डिजिटली साक्ष्य से लेकर ई-एफआईआर और फोरेंसिक लैब पर जोर दिया गया है. BNS के हर प्रावधान में समय-सीमा तय की गई है.
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
एफआईआर से लेकर जांच, चार्जशीट और कोर्ट के फैसले तक के लिए समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है. माना जा रहा है कि इससे ना सिर्फ पुलिस जांच में तेजी आएगी, बल्कि कोर्ट की कार्रवाई में भी तेजी आएगी और जल्द निर्णय होंगे.
नए कानून के मुताबिक, कोर्ट को पहली सुनवाई की तारीख से 60 दिन के अंदर आरोप तय करना होगा. अंतिम सुनवाई के बाद अधिकतम 45 दिन में फैसला सुनाना जरूरी किया गया है. जांच और फैसलों में तेजी के लिए अब ईमेल, मोबाइल मैसेज भी साक्ष्य के तौर पर स्वीकार किए जाएंगे. इससे कोर्ट में तारीख पे तारीख वाली स्थिति नहीं बनेगी और केस जल्दी निपटेंगे.