राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद जब नतीजे आए तो हर कोई चौंक गया। इन नतीजों में 5 सीटों पर कांग्रेस के विधायक सांसद का चुनाव जीत गए। अब इन पांच सीटों पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के दावेदार सक्रियता दिखाने लगे है।

सबसे पहले बात करेंगे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले के देवली-उनियारा विधायक हरीशचंद्र मीना के सांसद निर्वाचित होने के बाद रिक्त हुई सीट की।

एक ओर जहां कांग्रेस इस सीट को एक बार फिर से जीत हासिल कर अपने कब्जे में रखना चाहती है तो वहीं भाजपा भी इस सीट को हर हाल में फतेह करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी।

हालांकि अभी तक विधानसभा उपचुनावों को लेकर कोई तारीख तय नहीं हुई है लेकिन भाजपा और कांग्रेस के नेता इस सीट पर भाग्य आजमाने के लिए जयपुर से दिल्ली की दौड़ में लग गए है।

कांग्रेस की बात करें तो इस सीट पर लोग चर्चा कर रहे है कि नवनिर्वाचित सासंद हरीशचंद्र मीना अपने किसी परिवारजन को इस सीट से टिकट दिलवाना चाहते है लेकिन इन अफवाहों में ज्यादा दम नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि हरीशचंद्र मीना खुद चाहते है कि इस सीट पर पार्टी किसी स्थानीय नेता को टिकट दे ताकि वो विधानसभा में स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठा सके।

इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट भी लोकसभा चुनावों में राजस्थान से लेकर सभी राज्यों में मिली जीत से अति उत्साहित है लेकिन वो खुद भी चाहते है कि किसी युवा को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा जाए।

टिकट की दौड़ में लगा रहे दिल्ली के चक्कर
कांग्रेस खेमे में सबसे पहला नाम मुरलीराम गुर्जर का माना जा रह है जो मूल रूप से सवाईमाधोपुर जिले के निवासी है। और विधानसभा चुनावों से ही देवली-उनियारा इलाके में सक्रिय नजर आ रहे है। जब विधानसभा चुनावों में मुरलीराम गुर्जर को टिकट नहीं मिला और हरीशचंद्र मीना प्रत्याशी बने तब भी सक्रिय रूप से चुनावी प्रचार किया और जीत में भूमिका निभाई। लोकसभा चुनावों के दौरान भी मुरलीराम खासे सक्रिय नजर आए और गंगापुरसिटी, बामनवास सहित सवाईमाधोपुर इलाके में गांव-गांव जाकर हरीशचंद्र मीना के समर्थन में वोट मांगे।

युथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और जिला परिषद सदस्य हंसराज गुंजल भी इन दिनों टिकट के लिए जयपुर से दिल्ली दौड़ लगा रहे है। बतौर युवा कार्यकर्ता अपनी छाप छोड़ने वाले गुंजल के सचिन पायलट से लेकर हरीशचंद्र मीना खुद मुरीद है।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रामनारायण मीना की भी निगाहें इस सीट पर दोबारा टिक गई है। रामनारायण मीना देवली-उनियारा सीट से विधायक रह चुके है।

भाजपा में दावेदार लगे जुगत बिठाने में
वहीं, बात भाजपा के खेमें की करे तो गुर्जर नेता और विधानसभा चुनाव हारे विजय सिंह बैंसला उपचुनावों में अपनी हार का बदला लेने की पूरी तैयारी में है। चर्चा है कि बैंसला इस बार फिर से टिकट लाकर अपना हार का जख्म भरना चाहते है।

इधर भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर की इस सीट पर चुनाव लड़ने की खासी चर्चाएं है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा महिला उम्मीदवार पर देवली-उनियारा में दांव खेल सकती है।

30 जून को टोंक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसानों की सम्मान निधि को लेकर प्रदेशस्तरीय समारोह में शिरकत करने वाले है। चर्चा है कि भाजपा इस कार्यक्रम के माध्यम से जनता का मन टटोल सकती है साथ ही प्रत्याशियों का दमखम भी भांप सकती है।

हालांकि भाजपा का एक खेमा पूर्व मंत्री प्रभूलाल सैनी के टिकट को लेकर खासा आश्वस्त नजर आ रहा है, लेकिन फिलहाल प्रत्याशियों के नामों को लेकर ना तो कांग्रेसी नेता कुछ बोल रहे है ना ही भाजपाई।
लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा के नेता, मंत्री और मुख्यमंत्री खुद विधानसभा उपचुनावों की पांच सीटों पर जीत का दावा कर रहे है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने टोंक में पांचों विधानसभा सीटों के उपचुनावों में जीत का दावा ठोका है।