जीवन में तनाव हो या थकान लेकिन नशा उसका हल कभी भी नहीं हो सकता - तिवारी
अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
बूंदी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर आमजन को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में संवेदनशील बनाने और जागरूकता फैलाने के लिए शहर के माटुन्दा रोड़ स्थित घुमंतू कामगारों व खोजा गेट रोड स्थित अरुणिमा नर्सिंग इंस्टीट्यूट पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ सर्वेश तिवारी ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रशैक्षणिक संस्थान व सामुदायिक स्थान पर लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के प्रति सचेत कर नशा मुक्ति की शपथ दिलाई।
बूंदी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर आमजन को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में संवेदनशील बनाने और जागरूकता फैलाने के लिए शहर के माटुन्दा रोड़ स्थित घुमंतू कामगारों व खोजा गेट रोड स्थित अरुणिमा नर्सिंग इंस्टीट्यूट पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ सर्वेश तिवारी ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रशैक्षणिक संस्थान व सामुदायिक स्थान पर लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के प्रति सचेत कर नशा मुक्ति की शपथ दिलाई।
यूनिसेफ व विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यक्रमों से जुड़े प्राधिकरण के पीएलवी डॉ सर्वेश तिवारी ने अरुणिमा नर्सिंग इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षु संभागियों को नशा मुक्ति अभियान से परिचित करवाया उन्होंने कहा कि कारण चाहे जीवन में तनाव हो या थकान लेकिन नशा उसका हल कभी भी नहीं हो सकता है, अपितु यह व्यक्ति पर शारीरिक, मानसिक, सांवेगिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से भयंकर दुष्प्रभाव डालता है। हमें स्वयं जागरूक होकर अन्य व्यक्तियों को भी इसके विरुद्ध जागृत करना होगा। उन्हें समझना होगा कि नशे को ना कहे जिंदगी को हां कहें। इस दिशा में उन्होंने ध्यान योग मेडिटेशन द्वारा तनाव प्रबंधन, स्वास्थ्य सजगता, सकारात्मक चिंतन व कानूनी अधिकारों का भी पाठ पढ़ाया। नशे के साक्ष्य तो स्पष्ट है इसकी रोकथाम के लिए सामूहिक रूप से हमें कार्यशील होना होगा इस विषय पर नर्सिंग इंस्टीट्यूट पर आयोजित हुई संगोष्ठी के माध्यम से तिवारी ने नशे के आदी व्यक्तियों की काउंसलिंग कर दृढ़ इच्छा शक्ति से या नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से व्यसन मुक्त प्रक्रिया की भी जानकारी दी। संगोष्ठी में नशे के विरुद्ध जन जागृति के लिए वैश्विक थीम साक्ष्य स्पष्ट है रोकथाम में निवेश करें पर बोलते हुए प्रशिक्षु आनंद राज बैरवा व सुनीता गुर्जर ने अपनी अभिव्यक्ति दी। आयोजन में आतिश वर्मा, नरेश बैरवा, अर्पित चित्तौड़ा, चंदा, राजेंद्र प्रजापत, राजक्रांता नागर, मनमोहन मीणा, वैभव कुमार व कल्पांत शर्मा ने नशे को सभ्य समाज के लिए अशोभनीय बताया। संचालन रामराज रैगर ने किया। इंस्टिट्यूट उपाचार्य विष्णु दत्त वर्मा ने आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम संयोजक पीएलवी रामराज रैगर ने बताया कि इसी क्रम में माटुन्दा रोड पर घुमंतू कामगारों के बीच पहुंचकर उन्हें भी नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। घुमंतू समुदाय से ही जुड़े और परिवार सहित नशा मुक्ति हेतु उन्हें जागरूक कर रहे भीलवाड़ा निवासी वरिष्ठ नागरिक कान्हा पुरी का इस अवसर पर माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया ।