Bundelkhand Expressway पर यातायात की निगरानी और ओवरस्पीडिंग चेक करने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर लगे ये कैमरे हाईवे पर लगे पैनलों के माध्यम से प्राप्त सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। ये बिना रिचार्ज किए चार दिनों तक काम कर सकेंगे।

 Bundelkhand Expressway शुरू होने के बाद यूपी के लोगों को काफी राहत मिली है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर यातायात की निगरानी और ओवरस्पीडिंग वाहनों की अधिक कुशलता से जांच करने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लगाया जाएगा।

चप्पे-चप्पे पर होगी निगरानी 

जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद से चालू हुआ यह एक्सप्रेस-वे सौर ऊर्जा पर पूरी तरह से निर्भर होने वाला पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है। राज्य के चौथे सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे पर यातायात की निगरानी के लिए ATMS सौर ऊर्जा से चलने वाले कैमरों का उपयोग करेगा।

UPEIDA ने बनाया ये प्लान 

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। एजेंसी एक ट्रैफिक मैनेजमेंट कमांड सेंटर स्थापित करने की योजना बना रही है। ये सिस्टम कंट्रोलर, ग्राफिक डिस्प्ले, इंटरनेट और एसएमएस सर्वर, फाइबर चैनल होस्ट और USB जॉयस्टिक-नियंत्रित PTZ कैमरों की निगरानी करने की सुविधा से लैस होगा। इसमें रिकॉर्डिंग स्टोर करने के लिए 360-टेराबाइट सर्वर और बैकअप के लिए 240-टेराबाइट स्टोरेज होगा।

कैसा काम करेगा ये सिस्टम? 

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर लगे ये कैमरे हाईवे पर लगे पैनलों के माध्यम से प्राप्त सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। ये कैमरे बिना रिचार्ज किए चार दिनों तक काम कर सकते हैं। यूपीईडा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर मोशन डिटेक्शन सर्विलांस और व्हीकल स्पीड डिटेक्शन सिस्टम लगाएगा। इससे तेज गति से चलने वाले वाहनों को अलर्ट जारी कि