दौसा। नीट की परीक्षा में धांधली को लेकर देशभर में धरने प्रदर्शन चल रहे है।  इस बीच राजस्थान विश्वविद्यालय की लापरवाही का एक मामला भी सामने आया है। दौसा में प्रथम वर्ष के प्रथम समेस्टर की परीक्षा में राजस्थान विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण अंग्रेजी मीडियम का प्रश्न पत्र हिन्दी माध्यम के स्टूडेंट्स को थमा दिया गया। इस वजह से परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बाद में खबर सामने आई की परीक्षा सेंटर पर हिन्दी माध्यम का पेपर आया ही नहीं है, कॉलेज स्टाफ के कहने पर स्टूडेंट्स ने पेपर तो दिया, हालांकि उन्होंने इस पेपर को रद्द करने की मांग उठाई है।

बता दें कि नई शिक्षा नीति के तहत राजस्थान में डिजिटल एनहैंसमेंट विषय की प्रथम वर्ष के प्रथम सेमेस्टर की शुक्रवार को परीक्षा थी। परीक्षा का समय सुबह 7 से 10 बजे का था, कुल 1438 परिक्षार्थी का सेंटर दौसा के श्री संत सुंदरदास राजकीय महिला महाविद्यालय परीक्षा केंद्र पर आया था। पेपर देने के लिए 1328 परीक्षार्थी उपस्थित थे। ज्यादातर परीक्षार्थी हिंदी मीडियम के थे। फिर भी स्टूडेंट्स को डिजिटल एनहैंसमेंट का प्रश्न पत्र अंग्रेजी माध्यम का दे दिया गया।

जैसे ही हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स ने अंग्रेजी माध्यम का प्रश्न पत्र देखा तो उनके होश उड़ गए और कॉलेज स्टाफ को इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद पता चला की परीक्षा सेंटर में हिन्दी माध्यम का पेपर आया ही नहीं है। परीक्षार्थी इस दौरान पेपर लेकर बैठे रहे। बाद में कॉलेज स्टाफ के समझाने के बाद कुछ परीक्षार्थियों ने पेपर दिया और कुछ परीक्षार्थियों ने पेपर नहीं दिया। वहीं अब परीक्षार्थी पेपर रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

इस मामले को लेकर महिला कॉलेज के व्याख्याता अंकुश मीना ने कहा कि छात्रों की मांग से परीक्षा नियंत्रक को अवगत करा दिया है। निर्णय उन्हीं के स्तर पर होगा।