इन दिनों मोटापा तेजी से लोगों का अपना शिकार बना रहा है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह कई लोग बढ़ते वजन से परेशान है। मोटापा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना सकता है जिसमें कैंसर भी शामिल है। हाल ही में सामने एक स्टडी में पता चला कि मोटापा कैंसर का खतरा बढ़ाता है। आइए जानते हैं मोटापा कैसे कैंसर की वजह बन सकता है।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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सेडेंटरी लाइफस्टाइल इन दिनों लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। आजकल लोगों का ज्यादातर समय ऑफिस में स्क्रीन के सामने कुर्सी पर बैठे-बैठे गुजरता है। ऐसे में दिनभर बैठे रहने की वजह से इन दिनों लोग मोटापे का शिकार होने करने लगे हैं। मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकती है। बीते कुछ समय में यह दुनियाभर में गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।

इसी बीच अब हाल ही में नई स्टडी सामने आई है। इस ताजा स्टडी में मोटापा यानी ओबेसिटी और कैंसर के बीच संबंध सामने आया है। हाल ही में हुए स्वीडन लुंड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार 332,000 कैंसर के केस में लगभग 32 प्रकार के कैंसर का कनेक्शन मोटापा से पाया गया है। पहले ये संख्या 13 थी। हालांकि, इसमें अभी और भी स्पष्ट निष्कर्ष निकलना बाकी है, लेकिन फिर भी ये बात साफ है कि मोटापा कैंसर के लिए एक रिस्क फैक्टर है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे कैसे मोटापे से बढ़ता है कैंसर होने का खतरा-

मोटापा और कैंसर में क्या कनेक्शन

  • मोटापे का कारण एडिपोज टिश्यू का जमा होना होता है। कैंसर के ट्यूमर सेल इसी एडीपोज टिश्यू पर निर्भर हो कर विकसित होते जाते हैं, जिससे मोटापे के कारण कैंसर का खतरा बढ़ते जाता है।
  • फैट सेल इंफ्लेमेशन बढ़ाती हैं। ये एक्स्ट्रा हार्मोन और ग्रोथ फैक्टर बनाने लगती हैं।
  • हार्मोन, ग्रोथ फैक्टर, इंफ्लेमेशन जैसी चीजें एक साथ मिल कर कोशिकाओं का विभाजन करने में मदद करती हैं। ज्यादा विभाजन होने से कैंसर की कोशिकाएं बनने का खतरा बढ़ जाता है।
  • इस तरह ये ट्यूमर का रूप ले लेता है और फिर कैंसर में बदल जाता है।
  • इस तरह स्मोकिंग के बाद कैंसर का सबसे मुख्य कारण मोटापा है।
  • कोविड के बाद से माहौल तेजी से डिजिटल हुआ है जो कि मोटापे का एक मुख्य कारण है।
  • हाई ब्लड प्रेशर, डाइटरी रिस्क और तंबाकू के बाद मोटापा दुनिया भर में मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण बन कर उभर रहा है।
  • ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में बचाव करने योग्य कैंसर से मौत होने की दर में मोटापा स्मोकिंग को भी पीछे छोड़ कर ऐसी मृत्यु का पहला सबसे बड़ा कारण बन जाएगा।
  • यहां ये समझने की जरूरत है कि मोटापा कोई बीमारी नहीं बल्कि स्वास्थ्य की एक स्थिति है। मोटापे को हैंडल कर के, जीवनशैली सुधार लेने से और एक जागरूक व्यक्ति की तरह अपने शरीर और स्वास्थ्य का ख्याल रखें से इसके दुष्प्रभावों से आसानी से बचा जा सकता है।
  • मोटापा होना कैंसर होने की बात को सुनिश्चित नहीं करता लेकिन अन्य लोगों की तुलना में इसकी संभावना बढ़ा जरूर देता है।