राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का 'मिशन-25' फेल होने के बाद से ही नेताओं में खलबली मची हुई है. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा खुद दिल्ली जाकर पाटी हाईकमान को 11 लोकसभा सीटों पर मिली हार के कारणों वाली रिपोर्ट सौंप कर आए थे. अब राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने जयपुर में आज एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें एक दशक बाद मिली इस हार को लेकर सीट वाइज चर्चा की जा रही है. यह बैठक भाजपा दफ्तार में दोपहर 12 बजे शुरू हो गई है. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के अलावा लोकसभा सीट के प्रत्याशी भी शामिल हैं, ताकि एक-एक सीट पर सिलसिलेवार ढंग से हार के कारणों पर चर्चा की जा सके. भाजपा को इस बार गंगानगर, चूरू, झुंझुनू, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, सीकर, नागौर और बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. इन 11 में से 8 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं. जबकि शेष एक-एक सीट माकपा, आरएलपी और बीएपी प्रत्याशी ने जीती है. सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस बार 11 सीटों पर हार की बड़ी वजह पार्टी के कई बड़े नेताओं की निष्क्रियता और राजस्थान में संगठन का कमजोर होना है. यही वजह रही है कि इस बार भाजपा के मत प्रतिशत में 9.83 की गिरावट दर्ज हुई है, जो 11 सीटों पर हार की बड़ी वजह बनी है. दिल्ली भाजपा के सूत्रों के अनुसार, फिलहाल राजस्थान सरकार में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. ऐसे में इस चुनावी हार के बाद मुख्यमंत्री के सामने अगली बड़ी चुनौती उपचुनाव और नवंबर में होने वाले राजस्थान में लोकल बॉडी चुनाव हैं. इसके अलावा निकाय चुनाव और फिर पंचायत चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को बेहतर करना सीएम के लिये बड़ा टास्क होगा. इन चुनावों को जीतने के लिए संगठन में बड़े बदलाव तय हैं. मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद भाजपा में संगठन के स्तर पर बड़े बदलाव होंगे. संगठन में भी प्रदेशाध्यक्ष पद पर बदलाव और संगठन महामंत्री तक नई नियुक्तियां होनी हैं.