बोर्ड से संशोधित मार्कशीट पाकर मासूम के चेहरे पर लौटी खुशी

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विद्यालय और माशिबो बोर्ड की गलती ने छात्र को बनाया 6 साल बड़ा 

बून्दी। मासूम अंकित प्रजापत को तीन वर्ष बाद न्यायालय स्थाई लोक अदालत के हस्तक्षेप से अपनी मूल जन्मतिथि वाली माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से जारी कक्षा 10वीं मार्कशीट पाकर खुशी लौट आई। अन्यथा छात्र अंकित विद्यालय और बोर्ड की गलती का खामियाजा भुगतते हुए पूरी उम्र अपनी मूल आयु से 6 वर्ष बड़ा बना रहता। गौरतलब हैं कि कक्षा 10वीं की मार्कशीट में गलत अंकित जन्मतिथि में संशोधन के लिए स्थानीय विद्यालय और माशिबो अजमेर के चक्कर लगा कर परेशान हुए छात्र अंकित प्रजापत को न्यायालय स्थाई लोक अदालत (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) बून्दी के आदेश से कक्षा 10वीं की संशोधित मार्कशीट सही जन्मतिथि 05 मार्च 2006 अंकित होकर, गलत अंकित 05 मार्च 999 विलोपित की जाकर माशिबो अजमेर द्वारा जारी शुक्रवार को प्राप्त हो ही गई। संशोधित मार्कशीट मिलने पर पीड़ित एवं उसके परिजनों ने उनकी ओर से निःशुल्क पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अजय नुवाल का आभार प्रकट किया। 

न्यायालय स्थाई लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता, सदस्या अनीता जैन, सदस्या हिमांशी शर्मा के समक्ष पीड़ित के अधिवक्ता अजय नुवाल ने पीड़ित का पक्ष रखा कि कक्षा 7 से अंकित ने विद्या विहार सीनियर सैकेंडरी स्कूल बून्दी में प्रवेश लिया तब भी उसकी जन्मतिथि 05.03.2006 ही थी। किंतु सत्र 2020-21में कक्षा 10वीं की परीक्षा कोविड संक्रमण के दौरान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर के माध्यम से आयोजित होनी थी। इस हेतु विद्या विहार स्कूल ने अंकित का ऑनलाइन प्रपत्र अपने स्तर पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भरकर प्रेषित किया था। जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 10 की मार्कशीट प्राप्त हुई तो उसमें अंकित को आयु में 6 वर्ष बड़ा कर दिया गया, यानी जन्मतिथि 05.03.2006 के स्थान पर 5.03.1999 अंकित कर दी गई जो गलत थी। जबकि अंकित के जन्म प्रमाण पत्र एवं कक्षा 9 तक के रिकॉर्ड में जन्मतिथि 5.03 2006 ही अंकित रही है। 

मानसिक संताप पेटे एक लाख रुपये तथा परिवाद खर्च 10 हजार देगा बोर्ड 

अंकित एवं इसके परिजनों ने विपक्षी स्कूल एवं बोर्ड के कई चक्कर लगाए। स्कूल ने भी बोर्ड को दुरुस्त करने हेतु लिखा किंतु दुरुस्त करने की जगह आगे की मार्कशीट में भी गलत जन्म दिनांक अंकित करके अंकित के भविष्य को चौपट कर रहे हैं। इस पर न्यायालय स्थाई लोक अदालत (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को एक माह के अंदर अंकित की कक्षा 10वीं की मार्कशीट में अंकित की सही जन्म तिथि 05.03 2006 अंकित कर जारी करेने तथा कक्षा 12वीं की मार्कशीट में भी अंकित की हुई गलत जन्म दिनांक को संशोधित करने सहित बोर्ड के असहयोग के परिणाम स्वरूप अंकित को पहुंची मानसिक संताप पेटे एक लाख रुपये तथा परिवाद खर्च 10 हजार भी अंकित को अदा करने का आदेश जारी किया। अधिवक्ता अजय नुवाल ने बताया कि अंकित की मार्कशीट दुरुस्त कर दी गई है किंतु मानसिक संताप एव परिवाद खर्च का अनुतोष अभी प्राप्त नहीं हुआ है जो शीघ्र ही कार्रवाई करके अंकित को दिलाया जाएगा। इस अवसर पर अधिवक्ता अजय नुवाल के कार्यालय सहयोगी अधिवक्ता कुणाल कुमार शर्मा, वसीम खान एडवोकेट, मुंशी रईस खान, संजय भी मौजूद रहे।