जनपद आजमगढ़ में,जय गुरुदेव का वार्षिक तीन दिवस सत्यंग संबोधन से संपन्न पंकज जी महाराज के।मालूम होकि जनपद आजमगढ़ के थाना सरायमीर में, सत्यंग के प्रारंभ में संयोजक सतीश चंद्र यादव जिला अध्यक्ष रामचरण यादव आदि लोगों द्वारा पंकज जी महाराज को पुष्पाहर भेंट कर स्वागत किया गया। जिस्मानी मस्जिद मंदिर में, बैठकर ईश्वर की इबादत करो ताकि आपकी आत्मा नरको में, जाने से बच जाए। पंकज जी महाराज ने कहा ‘सत्संग जल जो कोई पावे, मैलाई सब कटि-कटि जावे।’ यह अमोलक तन प्रभु की भक्ति के लिये मिला था। इसके लिये सत्संग माध्यम है। लेकिन लोग इसे शराबों-कबाबों दुनिया की ख्वाहिशों में, बर्बाद कर देते हैं। हमारे गुरु महाराज ने आवाज लगाई ‘‘ऐ इन्सानों, तुम अपने दीन-ईमान पर वापस आ जाओ।उन्होंने कहा मनुष्य शरीर में, दोनों भौहों के बीच में जीवात्मा बैठी हुई है। यहीं से इसका प्रकाश शरीर के नौ दरवाजों तक फैला हुआ है। दुनियाँ के सम्बन्ध हमारे शरीर के कारण हैं। जितने समय तक शरीर में, जीवात्मा रहती है,इसको पवित्र माना जाता है। और इसका सम्बन्ध अन्य लोगों से होता है। व्यक्ति को हमेशा उस समय का ख्याल रखना चाहिये, जब शरीर बूढ़ा हो जाता है, व्यक्ति चलने, फिरने में असमर्थ हो जाता है। जिस शरीर को सुख का साधन समझ रहे थे, वही शरीर दुःख का कारण बन जाता है। लेकिन जवानी में, धन, दौलत, रूप, रंग, परिवार आदि के घमण्ड में, वह आगे आने वाले वक्त के बारे में विचार ही नहीं करता है। यदि जवानी में, संतों के सत्संग वचनों को सुनकर शरीर में बैठी हुई जीवात्मा को जगाने का अभ्यास करते तो गुरु की दया से यह बोध हो जाता कि हम शरीर में, बंद किये गये हैं, हम शरीर नहीं हैं। संसार में फैले हुए, अपने ख्याल को गुरु के स्वरूप में लगाने का अभ्यास करने से आनन्द प्राप्त होने लगता है। ‘जयगुरुदेव’ अनामी महाप्रभु का नाम है। कलयुग में, इसी नाम से जीवों का कल्याण होगा।बाबा पंकज जी महाराज ने आगे कहा कि हिन्दू-मुस्लिम, सिख-इसाई सब धर्मों में, रूहानियत एक है। रूहानियत और शरियत का सम्बन्ध तलवार और उसके म्यान की तरह है। जब मानव रूहानियत से दूर हो जाता है तो वह शरियत का कैदी होकर बारहमुखी बन जाता है और कर्मकाण्डों में उलझ जाता है।आगामी 19 से 23 जुलाई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में, गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जायेगा। महाराज जी ने लोगों से अपने बाल-बच्चों के साथ कार्यक्रम में, पधारने की अपील किया।इस अवसर पर संयोजक सतीश चन्द्र, जिलाध्यक्ष रामचरन यादव, डा.जे.पी.यादव, सकलदीप पाल, कमला प्रसाद मौर्या, बलवन्त यादव, लालचन्द यादव, मिठाई लाल चैहान, गिरीश चन्द यादव आदि सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहें।