मेमोरी चिप की बढ़ती कीमतों और चीनी युआन की मजबूती के कारण जून तिमाही में स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती हैं। हाल ही में आयात शुल्क में कटौती से इस वृद्धि की आंशिक रूप से भरपाई हो सकती है। वहीं मार्च तिमाही में सैमसंग और माइक्रोन ने मेमोरी चिप्स के लिए 15-20% मूल्य वृद्धि लागू करने की आशंका जताई है जिससे स्मार्टफोन की कीमतें प्रभावित होगी।
भारतीय स्मार्टफोन खरीदारों के लिए एक बुरी खबर है। जल्द ही स्मार्टफोन को उच्च कीमतों का सामना करना पड़ सकता है। उद्योग विशेषज्ञों ने जून से संभावित मूल्य वृद्धि की चेतावनी दी है, जो मेमोरी चिप की बढ़ती लागत और चीनी युआन के मजबूत होने से प्रेरित है।
मार्केट रिसर्च फर्म ट्रेंडफोर्स ने DRAM (मेमोरी चिप) की कीमतों में वृद्धि की रिपोर्ट की है। सैमसंग और माइक्रोन जैसे प्रमुख सप्लायर द्वारा मार्च तिमाही में इसकी कीमतों में 15-20% की वृद्धि की उम्मीद है। यह वृद्धि 2024 में DRAM की कम आपूर्ति से हुई है। इन कारकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग का बढ़ता उपयोग, साथ ही स्मार्टफोन और पीसी बाजार में उछाल शामि
युआन के मजबूती का प्रभाव
- चीनी युआन के मजबूत होने से स्थिति के कारण भी स्मार्टफोन की कीमतों में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। युआन जून 2023 में 11.32 रुपये के निचले स्तर से दिसंबर में 12.08 रुपये पर पहुंच गया है, जो 6.7% की वृद्धि दर्शाता है।
- इसका सीधा असर स्मार्टफोन ब्रांड्स पर पड़ता है, जो चीनी कम्पोनेंट पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जिससे आयात अधिक महंगा हो जाता है।
-
शुल्क कटौती से आंशिक राहत
- अच्छी बात ये कि अंतरिम बजट से पहले लागू किए गए मोबाइल फोन पार्ट्स पर हाल ही में आयात शुल्क में कटौती से कुछ राहत मिल सकती है।
- मेमोरी की कीमतों में वृद्धि के बावजूद ये कटौती निर्माताओं के लिए लागत वृद्धि को कम करने में मदद कर सकती है।
कंज्यूमर्स कैसे होंगे प्रभावित
- बाजार विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि स्मार्टफोन की ऊंची कीमतें उपभोक्ता मांग को कम कर सकती हैं, जो अभी ठीक होने लगी है।
- इसका मुकाबला करने के लिए, ब्रांड सीधे कीमत बढ़ाने के बजाय बजट फोन में कम मेमोरी और स्टोरेज विकल्प देने का सहारा ले सकते हैं। इससे 8GB RAM और 256GB स्टोरेज जैसी सुविधाएं सीमित हो सकती हैं, जो पहले 10,000 रुपये से कम में भी उपलब्ध थीं।