डिलीवरी के पहले ही नहीं उसके बाद भी महिलाओं को कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और सिर्फ सेहत ही नहीं इसमें स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स भी शामिल हैं। प्रसव बाद स्किन की क्वॉलिटी पर असर पड़ता है। जिसके लिए हार्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ाव सबसे बड़े जिम्मेदार माने जाते हैं। इनके चलते मुंहासे मेलाज्मा जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।

एक नई जिंदगी को दुनिया में लाना एकदम अलग तरह का अनुभव होता है। घर में नए शिशु के आने से ढेरों खुशियां आती हैं, लेकिन इसके साथ ही एक नई मां के लिए यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण भी होता है। क्‍योंकि आमतौर पर बच्‍चे के जन्‍म से पहले गर्भवती महिला के हॉर्मोन के स्‍तर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। जिसके चलते मूड स्विंग, वजन बढ़ना और त्वचा में कई तरह बदलाव देखने को मिलते हैं। नई मांओं के लिए इससे निपटना काफी चैलेंजिंग हो जाता है। आइए जानते हैं गर्भावस्‍था के दौरान और उसके बाद त्वचा से जुड़ी इन्हीं समस्याओं और उनके समाधान के बारे में। 

डिलीवरी के बाद त्वचा से जुड़ी परेशानियां 

1. दूसरे अंगों की तरह हार्मोन्स में होने वाले उतार-चढ़ावों का त्वचा पर भी काफी फर्क पड़ता है। डिलीवरी के बाद ये समस्या और बढ़ जाती है। इसके चलते मुंहासे, ड्राई स्किन, मेलाज्मा (गहरे भूरे रंग के धब्‍बे) जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं।  

प्रोजेस्ट्रॉन के स्तर में होने वाले असंतुलन की वजह से चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं और इससे सीबम का भी बहुत ज्यादा प्रोडक्‍शन होने लगता है। सीबम ओपन पोर्स को बंद कर सकते हैं। स्ट्रेस हॉर्मोन या कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर भी इस समस्या में योगदान कर सकता है। इस प्रॉब्लम से बचे रहने के लिए नियमित रूप से चेहरे की साफ-सफाई करें।

2. डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजेन में अचानक गिरावट से शरीर की नमी को बनाए रखने में सक्षम कम हो जाती है, जिससे स्किन की ड्राईनेस बढ़ जाती है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं साथ ही दूसरे हेल्दी लिक्विड्स जिसमें नारियल पानी, ताजे फलों का जूस शामिल हैं, इन्हें भी डाइट में शामिल करें। 

3. मेलाज्मा एक और चिंता का कारण होता है जिसमें स्किन पर भूरे या ग्रे पैचेस बनने लगते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्ट्रॉन व एस्ट्रेजॉन में अचानक बढ़ोतरी होने पर ये समस्या देखने को मिलती है।