रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-2 का बुधवार को ओडिशा तट पर सफल परीक्षण किया। परीक्षण वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 से किया गया।डीआरडीओ ने एक्स पर पोस्ट में बताया कि परीक्षण में सभी उद्देश्य पूरे हुए। प्रोपल्शन सिस्टम से लेकर कंट्रोल और गाइडेंस एल्गोरिदम की सक्षमता की पुष्टि हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, वायुसेना और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुणा बढ़ जाएगी। चार साल पहले रुद्रम-1 का फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआइ से सफल परीक्षण किया गया था। भारत के पास फिलहाल रूसी एंटी रेडिएशन मिसाइल केएच-31 है। रुद्रम मिसाइलें इसकी जगह लेंगी। रुद्रम-2 स्वदेशी तौर पर विकसित ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो दुश्मन के विभिन्न लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित अत्याधुनिक स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को मिसाइल प्रणाली में शामिल किया गया।