लाखेरी - शहर के अधिकांश हिस्से में घरेलू बिजली का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग ने बिजली कनेक्शन को तीन श्रेणी में बांटा हुआ है, पहला एग्रीकल्चर, दूसरा घरेलू तथा तीसरा व्यवसायिक। इनमे सबसे कम विद्युत दर एग्रीकल्चर कनेक्शन की है दूसरे नंबर पर घरेलू तथा सबसे ज्यादा विद्युत दर व्यवसायिक कनेक्शन की है। व्यवसायिक कनेक्शन की विद्युत दर ज्यादा होने के कारण उपभोक्ता अपने विद्युत कनेक्शन को घरेलू श्रेणी में करवा कर उस बिजली का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों में कर लेते है। इसी प्रकार शहर के लगभग 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा घरेलू बिजली का उपयोग दुकानों पर तथा व्यवसायिक गतिविधियों में किया जा रहा है। जिसके चलते उपभोक्ताओं को बिजली की दर तो कम चुकानी ही पड़ रही है वही राज्य सरकार द्वारा दी गई छूट का भी लाभ मिल रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा इस प्रकार राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह मामला विभाग के अधिकारियो की जानकारी में होने पर भी जिम्मेदार अधिकारी आंखे मूंद कर बैठे हुए है वही बिचौलिए जम कर मजा लूट रहे है।

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*ये है दंड का प्रावधान* - डिस्कॉम के अधिकारियों के मुताबिक घरेलू बिजली का व्यावसायिक उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित उपभोक्ता से व्यावसायिक बिजली दर की दोगुनी दर से वसूली किए जाने का नियम है। यानि कि डिफाल्टर उपभोक्ता पर कार्रवाईके दौरान 18 रुपए प्रति यूनिट की दर से वसूली की जाती है। शहर के हर गली-मोहल्ले में दुकान सहित अन्य श्रेणी के व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित हैं। अधिकांश उपभोक्ता अपने घरेलू कनेक्शन से ही तार जोड़कर दुकान में बिजली काम में ले रहे हैं। अनेक परिवार तो अपने घर के परिसर में ही शटर लगाकर दुकानें चला रहे हैं।

तो बढ़े राजस्व

डिस्कॉम के जिम्मेदार अधिकारी ऐसे उपभोक्ताओं पर कार्रवाई करें तो इससे न केवल डिस्कॉम का राजस्व बढ़ेगा। व्यावसायिक कनेक्शनों की संख्या बढऩे से डिस्कॉम को प्रति यूनिट अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। घरेलू बिजली का दुरुपयोग करने की प्रवृति पर अंकुश लगेगा।

"मामला जानकारी में आया है, शहर में घरेलू कनेक्शन पर व्यवसायिक गतिविधिया संचालित करने वाले कनेक्शनो को चिन्हित कर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही अमल में लाई जाएगी"

(विवेक पांडे, कनिष्ठ अभियंता, जयपुर विद्युत वितरण निगम, लाखेरी)