शरीर को सेहतमंद रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की जरूरत होती है। बोन हेल्थ से लेकर हार्मोनल हेल्थ तक के लिए ये काफी जरूरी साबित होता है लेकिन इससे जुड़े सप्लीमेंट्स लेते वक्त आपको खास सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसकी ओवरडोज (Vitamin D Toxicity) से होने वाले नुकसान बेहद गंभीर भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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शरीर के बेहतर कामकाज के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी होता है। यह एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जिससे बॉडी में कैल्शियम को एब्जॉर्ब और रिटेन करने में मदद मिलती है। मजबूत हड्डियां हों या शरीर का मैसेजिंग सिस्टम, दोनों ही मामलों में इसकी ओवरडोज से लेने के देने पड़ सकते है। आप भी इससे जुड़े सप्लीमेंट्स लेने या इसकी कमी को पूरा करने पर जोर देते होंगे, लेकिन शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा हो जाने पर क्या-क्या नुकसान झेलने पड़ सकते हैं, इस बात से कई लोग अनजान रहते हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि इसके कुछ ऐसे ही साइड इफेक्ट्स के बारे में।

लो बोन डेंसिटी

विटामिन डी की ज्यादा मात्रा से बोन डेंसिटी को नुकसान पहुंच सकता है। बता दें, कि ऐसे में आपको फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इसकी ओवरडोज होने पर हड्डियां कमजोर और खोखली होने लगती हैं, जिस कारण छोटी सी चोट या हल्के से दबाव से भी इनके टूटने का डर रहता है। इसलिए जरूरी है कि विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

ठप पड़ सकता है पाचन

शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ जाने पर पाचन तंत्र भी ठप पड़ सकता है। जी हां, सही पढ़ा आपने! इसकी ओवरडोज से इम्युनिटी भी कमजोर हो जाती है, क्योंकि आपका खाया-पिया पचता नहीं है और उल्टी के रास्ते बाहर आ जाता है। ऐसे में, ज्यादा मतली को इग्नोर न करके आपको फौरन डॉक्टर का रुख कर लेना चाहिए।

हाइपरलकसीमिया

बॉडी में ज्यादा विटामिन डी होने पर हाइपरविटामिनोसिस डी की समस्या भी खड़ी हो सकती है। भले ही, यह रेयर केसेज में होता है, लेकिन फिर भी इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। इस स्थिति में खून के अंदर कैल्शियम इकट्ठा होने लगता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां आपको जकड़ सकती हैं और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित हो सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।