राजस्थान में हीटवेव से मौत के आंकड़ों में ज़बरदस्त वाली गफलत सामने आ रही है। एक तरफ मीडिया रिपोर्ट्स में प्रदेश में गर्मी से मरने वालों की संख्या 19 तक आंकी जा रही है, वहीं सरकारी आंकड़ों में ये संख्या शून्य है। जी हां, सरकार ने तमाम मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज करते हुए साफ़ शब्दों में कह दिया है कि प्रदेश भर में हीट वेव से अभी तक एक भी मौत होना सामने नहीं आया है। राजस्थान सरकार ने हीटवेव से एक भी मौत नहीं होने के पीछे भारत सरकार की गाइडलाइंस को आधार माना है। सरकार का कहना है कि अस्पतालों में लू या तापघात से संदिग्ध एवं कन्फर्म्ड मृत्यु की रिपोर्टिंग के लिए भारत सरकार ने निर्धारित प्रोटोकॉल के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस आधार पर प्रदेश में अब तक हीट स्ट्रोक से एक भी मृत्यु रिपोर्ट नहीं हुई है। भारत सरकार की डेथ रिपोर्टिंग की गाइडलाइन के अनुसार डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा भारत सरकार के प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुसार जांच के बाद ही हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के अनुसार प्रदेश में एक मार्च 2024 से 25 मई को सुबह 10 बजे तक चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन स्थिति में करीब 82 हजार रोगी आए। इनमें से 2 हज़ार 243 रोगी हीट स्ट्रोक के थे। लेकिन भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत प्रमाणित नहीं हुई है। विभाग द्वारा प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुरूप ही डेथ ऑडिट की जा रही है। कोटा और जयपुर में एक-एक मौत लू-तापघात से संदिग्ध श्रेणी में मानी गई थी, डेथ ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों मौत को भी हीट स्ट्रोक के कारण नहीं होना पाया है। सरकार के दावे को खुद निदेशक जनस्वास्थ्य ही झुठलाते दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि लू-तापघात के चलते रविवार को प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हो गई। अजमेर के सराना गांव निवासी 40 वर्षीय मोती सिंह दिहाड़ी मजदूर है। शनिवार को रूपनगढ़ गांव में टेक्टर में पत्थर भरते समय उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे सीएचसी रूपनगढ़ लाया गया। यहां से उसे जिला अस्पताल किशनगढ़ रैफर किया गया था। प्रोटोकॉल एवं गाइडलाइन के अनुसार उपचार देते हुए रोगी को एम्बुलेंस से किशनगढ़ रवाना किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई। सरकार के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जांच के लिए निर्धारित पैरामीटर की जानकारी सभी चिकित्सा संस्थानों को भिजवा दी है। साथ ही लू-ताप से होने वाली मौतों की सूचना आईएचआईपी पोर्टल पर इंद्राज करने के निर्देश भी दिए हैं।

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