पासवर्ड क्रैकिंग वह प्रॉसेस है जिसमें हैकर्स किसी इंडिविजुअल के पासवर्ड को लेकर अंदाजा लगाते हैं और लॉक्ड अकाउंट को लॉग-इन करते हैं। यह काम यूजर की मंजूरी के बिना किया जाता है। साइबर क्रिमिनल इस काम के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं। किसी यूजर के अकाउंट का पासवर्ड जानने के लिए उसकी पर्सनल जानकारियां भी हैकर का काम आसान करती हैं।
एडवांस टेक्नोलॉजी के इस दौर में एआई बहुत से कामों में इंसानों की मदद कर रहा है। हालांकि, सवाल यह आता है कि क्या एआई साइबर क्रिमिनल की मदद पासवर्ड क्रैक करने में कर सकता है?
पासवर्ड क्रैकिंग क्या है?
सबसे पहले यही समझते हैं कि पासवर्ड क्रैकिंग क्या है। पासवर्ड क्रैकिंग वह प्रॉसेस है जिसमें हैकर्स किसी इंडिविजुअल के पासवर्ड को लेकर अंदाजा लगाते हैं और लॉक्ड अकाउंट को लॉग-इन करते हैं।
यह काम यूजर की मंजूरी के बिना किया जाता है। साइबर क्रिमिनल इस काम के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं।
किसी यूजर के अकाउंट का पासवर्ड जानने के लिए उसकी पर्सनल जानकारियां भी हैकर का काम आसान करती हैं, जिससे वे किसी खास नंबर का अंदाजा लगा सकते हैं।
जब एक साइबर क्रिमिनल किसी यूजर का पासवर्ड हैक कर लेता है तो उसे यूजर के अकाउंट का अनऑथराइज्ड एक्सेस मिल जाता है। इस अकाउंट से सेंसिटिव जानकारियां भी लीक हो सकती हैं।
पासवर्ड क्रैकिंग के लिए एआई करता है मदद
साइबर क्रिमिनल एआई की मदद से आसानी से किसी भी यूजर का पासवर्ड क्रैक कर सकते हैं। कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो पासवर्ड को क्रैक होने से बचाया जा सकता है।
पासवर्ड क्रैकिंग से कैसे बचें
यूजर की मदद कीपर पासवर्ड मैनेजर एआई पासवर्ड क्रैकिंग से बचाने में मददगार साबित हो सकता है-
स्ट्रांग पासवर्ड क्रिएशन
कीपर पासवर्ड मैनेजर आपको पासवर्ड जनरेट करने में मदद करता है। इसकी मदद से एक स्ट्रॉन्ग और यूनिक पासवर्ड क्रिएट किया जा सकता है।
यूनिक पासवर्ड ही कॉम्प्लेक्स पासवर्ड होते हैं, जिन्हें कॉमन पावसर्ड क्रैकिंग मेथड के जरिए क्रैक किया जाना मुश्किल होता है।
वीक पासवर्ड को लेकर वॉर्निंग
कीपर यूजर के पासवर्ड को स्कैन करता है और किसी स्थिति में इसके वीक या दोबारा इस्तेमाल होने को लेकर यूजर को वॉर्निंग देता है।