गुजरात के कच्छ के रण से बाड़मेर के बाखासर तक 490 किलोमीटर तक के वाटर वे बनेगा. राजस्थान में समुद्री मार्ग से आयात कर सकेंगे. इजरायल के परिवहन मंत्री मिरी रेगवे ने फरवरी में X में वीडियो पोस्ट की थी. मुद्रा के बंदरगाह से संयुक्त अरब अमीरात के बंदरगाह इजरायल तक माल ले जाने के लिए इसे लालसागर का विकल्प माना है. हाल ही में इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है. गुजरात के कच्छ रण से बाड़मेर के बाखासर तक 490 किलोमीटर लंबी कैनाल के माध्यम से जोड़कर बाड़मेर में ड्राई पोर्ट बनेगा. इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य ने इस कमेटी का गठन किया है. बाड़मेर से गुजरात तक कृत्रिम नहर के माध्यम से बाखासर में पोर्ट बनाने की योजना साल 2000 में बनी थी. साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और स्थानीय सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने बाड़मेर वासियों को इसका सपना दिखाया था. इसे प्रमुख मुद्दों में शामिल किया गया था. इसके बाद पिछले 10 सालों में जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते ये सपना में अधर में लटक गया था. बाड़मेर में क्रूड ऑयल कोयले और खनिज के अथाह भंडार मिले हुए हैं. इसको लेकर लंबे समय से कई कंपनियां इस फील्ड में काम कर रही हैं. एचपीसीएल और राज्य सरकार पचपदरा में रिफायनरी स्थापित की जा रही है. ऐसे में ड्राई पोर्ट बनने से जिले सहित राज्य को लाभ होगा. बाड़मेर में तेल-गैस-कोयला अैर खनिज पदार्थ के भंडार है. इसकी वजह से राज्य को लगभग 10 करोड़ का राजस्व केवल तेल से मिल रहा है. सूखा बंदरगाह के जरिए बाड़मेर, अरब होते हुए इजरायल तक जुड़ जाएगा. राजस्थान के लिए आयात-निर्यात का यह बड़ा केंद्र होगा.