राजस्थान के जालोर में आज स्थिति अचानक से तब बिगड़ गई जब हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गए पुलिस दस्ते का सामना ग्रामीणों से हो गया। देखते ही देखते स्थितियां इतनी ज़्यादा बिगड़ गई कि ग्रामीणों को मौके से खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ गया। ये पूरा घटनाक्रम अब इतना ज़्यादा तूल पकड़ गया है कि इसपर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। मामला जालोर ज़िले के ओडवाड़ा गांव का है, जहां आज सुबह स्थानीय प्रशासन मई पुलिस जाप्ते के मौके पर पहुंच गया। पुलिस और प्रशासन यहां हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचा था। इधर अपने आशियाने बचाने और कार्रवाई का विरोध जताने के लिए ग्रामीण भी एकजुट होकर लामबंद हो गए।फिर वही हुआ जिसका अंदेशा था। जैसे ही पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई को अंजाम देना शुरू किया, पुलिस और ग्रामीण आमने-सामने हो गए। ग्रामीणों के विरोध को नियंत्रित करने और उन्हें मौके से खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस दौरान पूरे गांव का माहौल बिगड़ गया और स्थित अनियंत्रित हो गई। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई मौके पर कोहराम मच गया। ग्रामीण महिलाओं ने एकजुट होकर कार्रवाई का पुरज़ोर विरोध किया। इस बीच महिलाओं और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रशासन ने अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की। मकानों की बाउंड्री गिराकर कई बाड़े हटाए गए। टीन के शेड और टीन वाले मकानों की दीवारों को भी गिराया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात रहा। मौके पर आहोर, जालोर और सायला एसडीएम, एएसपी और आहोर, जालोर, भीनमाल के डीवाईएसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता, तहसीलदार, आर आई और पटवारी मौजूद है।