साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने राजस्थान में सभी 25 सीटें जीत ली थी. लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए 25 की 25 सीटें जीतना इतना आसान नहीं है. इन सबके पीछे सबसे बड़ा कारण बीजेपी नेताओं में फूट को बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि राजस्थान के कुछ मंत्रियों और विधायकों ने अपने इलाके के प्रत्याशियों के लिए मन से मेहनत नहीं की. इसी का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है. पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने के आरोप में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमीन खान समेत कुछ नेताओं को अगले 6 साल के लिए निष्कासित किया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी भी ऐसे नेताओं को चिन्हित करने में लगी है. 4 जून को परिणाम के बाद बीजेपी भी अपने कुछ नेताओं पर एक्शन ले सकती है. बाड़मेर, चुरू, दौसा समेत करीब 8 से 10 ऐसी सीटें हैं जहां कहीं निर्दलीय ने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया तो कहीं बीजेपी नेताओं में आपसी फूट के कारण भी बीजेपी को काफी नुकसान हुआ है. यही वजह है कि एक तरफ फलोदी के सट्टा बाजार का कहना है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी राजस्थान में 25 सीटों की हैट्रिक नहीं लगा पाएगी. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने राजस्थान में 1 दर्जन के आसपास सीटें जीतने का दावा किया है. बाड़मेर -जैसलमेर लोकसभा सीट की बात करें तो बीजेपी ने इस सीट से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को रिपीट किया था तो कांग्रेस ने आरएलपी से आए उम्मेदाराम बेनीवाल को अपना प्रत्याशी बनाया था. दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के इस चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकी थी. इसके बाद से कहा जा रहा है कि भाटी के चुनाव लड़ने से बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है. इस लिहाज से बाड़मेर सीट से कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल को मजबूत माना जा रहा है. हालांकि, यह 4 जून को ही स्पष्ट हो पाएगा कि बाड़मेर सीट पर किस पार्टी की जीत होगी.