राजस्थान में सियासी गर्मी फिर बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. भजनलाल सरकार ने एकल पट्टा मामले को नए सिरे खोलने का निर्णय लिया है. राजस्थान सरकार के इस कदम से गहलोत सरकार में मंत्री रहे शांति धारीवाल की मुश्किल बढ़ना तय है. राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए जवाब पर पुनर्विचार करने के लिए कमेटी बनाने जा रही है. एकल पट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश जवाब में सरकार कहा गया था कि मामले में नियमों की पूरी पालना हुई थी, जिससे सरकार को किसी भी तरह का कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अब भजनलाल सरकार ने अपने जवाबों पर पुनर्विचार करने का निर्णय किया है.राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए जवाब पर पुनर्विचार करने के लिए कमेटी बनाने जा रही है.इस प्रकरण में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को सहयोग करने के लिए गृह विभाग की ओर से अधिकारियों की एक टीम भी गठित की गई है जिसमें JDA और एसीबी के अधिकारी शामिल हैं. इस मामले में राजेंद्र नैन के स्थान पर ACB में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिशनाराम को ओआईसी ग्रुप में शामिल करने की जानकारी मिल रही है. दरअसल, पूर्व में OIC रहे ACB के अधिकारी ने शांति धारीवाल को सुप्रीम कोर्ट में क्लीन चिट देने का जवाब पेश किया था, जिसकी वजह से उन्हें APO किया गया था. हाल ही में राजस्थान सरकार ने एकल पट्टा मामले में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल और तीन अन्य अधिकारियों पर लगे आरोपों पर क्लीन चिट दे दी थी. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए जवाब में कहा गया था कि 10 साल पहले के एकल पट्टा मामले में कोई प्रकरण नहीं बनता है.दिलचस्प बात यह है कि भाजपा सरकार ने एकल पट्टा मामले गहलोत के चहते और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल समेत अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन सरकार अब इस मामले में यू टर्न लेने की तैयारी कर रही है