जनपद आजमगढ़ में,गरूण होटल के सभागार में मनाई गई जयंती।मालूम होकि जनपद आजमगढ़ में,महाराणा प्रताप सेना द्वारा ठंडी सड़क स्थित गरूण होटल के सभागार में, महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम महाराणा प्रताप के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर। श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। इसके बाद महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए। उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प दिलाया। अध्यक्षता प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी व संचालन अनिल सिंह ने किया। सेना प्रमुख बिजेन्द्र सिंह ने कहाकि महाराणा प्रताप इतिहास के वह पुरोद्धा है, जिन्होंने कभी अपने राज्य को कभी परातंत्र नहीं होने दिया। मेवाड़ के स्वाभिमानी योद्धा, राष्ट्रभक्ति की प्रतिमूर्ति वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती अनंत काल तक उनके गौरवगाथा का यशोगान करती रहेगी। धर्म रक्षा के लिए उन्होंने विशाल मुग़ल सेना के सामने चट्टान के भांति अडिग रहे। उनकी शौर्यगाथा सदा अजर-अमर रहेगी। ऐेसे स्वाभिमानी व्यक्तित्व की प्रतिमा आजमगढ़ में लगाने के लिए महाराणा प्रताप सेना कटिबद्ध है, प्रशासन से लगायत हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है,अगर उपेक्षात्मक रवैया रखा जाएगा तो, स्वयं महाराणा प्रताप सेना अपने स्तर से चंदा लेकर जनपद आजमगढ़ के नरौली चौराहे पर स्वाभिमानी योद्धा की प्रतिमा स्थापित कराने का काम करेगी। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहाकि वीर योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी में राजस्थान के कुंभगढ़ में हुआ था। उन्हें केवल राजस्थान का ही नहीं बल्कि पूरी भारत का वीर सपूत कहा जाता है। उनके गौरवगाथा को जन-जन तक प्रचारित करने के लिए संगठन जो कार्य कर रहा उससे युवा पीढ़ियों में स्वाभिमान, वीरता का संचार होगा।भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य अखिलेश मिश्र गुड्डू ने कहाकि वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की। शौर्य-भूमि पर ’मेवाड़-मुकुट मणि’ राणा प्रताप का जन्म हुआ। वे अकेले ऐसे वीर थे, जिसने मुग़ल बादशाह अकबर की अधीनता किसी भी प्रकार स्वीकार नहीं की। उन्होंने आगे कहा कि परिवार के साथ राष्ट्र की चिंता परम आवश्यक है, ऐसी सीख महाराणा प्रताप का जीवन देता हैं। जयंती पर सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रभारी बादल सिंह व सहयोगी बरखा मिश्रा ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन जीता। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुरेश सिंह, अमलेश सिंह, राणा प्रताप सिंह, महाराष्ट्र प्रांत प्रभारी हेमंत सिंह, श्याम नारायण सिंह, भागवत तिवारी, वीरभद्र सिंह, दुर्गेश सिंह, बलवंत सिंह, जय सिंह. सत्य नारायणन सिंह, लल्लन सिंह, हवलदार सिंह, अच्युतानंदन त्रिपाठी. दिनेश खण्डेलिया, एम पी सिंह, गौरव, दीना नाथ सिंह, राम पलट विश्वकर्मा, मिथिलेश सिंह, चन्दन सिंह सहित आदि मौजूद रहें।