टेलीकॉम विभाग जल्द ही कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) यानी नंबर के साथ काल करने वाले के नाम के प्रदर्शन की सुविधा भी टेलीकॉम कंपनियां इस साल शुरू कर देंगी। इस सुविधा को देश भर में लागू करने से पहले तीन महीने तक कुछ खास इलाके में कंपनियां ट्रायल कर सकती है। टेलीकॉम विभाग ने इसे लेकर फरवरी महीने में मसौदा तैयार किया था।

संचार साथी पोर्टल से चोरी के मोबाइल फोन को ब्लॉक करने जैसी सुविधा के बाद इस साल अनचाहे काल से भी मोबाइल फोन उपभोक्ता को राहत मिल जाएगी। कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) यानी नंबर के साथ काल करने वाले के नाम के प्रदर्शन की सुविधा भी टेलीकॉम कंपनियां इस साल शुरू कर देंगी।

नई सरकार के गठन के बाद टेलीकॉम विभाग इस संबंध टेलीकाम कंपनियों को औपचारिक निर्देश जारी कर देगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियों से सीनैप सुविधा संबंधित ट्रायल शुरू करने के लिए कह दिया गया है। इस सुविधा को देश भर में लागू करने से पहले तीन महीने तक कुछ खास इलाके में कंपनियां ट्रायल कर सकती है।

कॉलर का दिखेगा नाम

टेलीकाम कंपनियों का मानना है कि अगले छह से आठ माह में यह सीनैप की सुविधा बहाल हो सकती है। टेलीकाम कंपनियां कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन की सुविधा देती है जिसके तहत काल करने वाले का नंबर दिखता है। इस सुविधा का विस्तार करने से नंबर के साथ नाम भी दिखने लगेगा।

इस संबंध में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गत फरवरी में मसौदा जारी किया था। पिछले कई सालों से फोन उपभोक्ताओं को कॉल के दौरान नाम की सुविधा देने की कवायद चल रही है। ताकि वे स्पैम एवं अनचाहे काल से बच सके। हालांकि ट्रूकालर जैसे एप नंबर के साथ नाम के डिस्प्ले की सुविधा दे रही है। लेकिन टेलीकॉम कंपनियां की तरफ से सीनैप की सुविधा बहाल होने पर फोन पर नंबर के साथ वहीं नाम डिस्प्ले होगा जिस नाम से उस नंबर के सिम के लिए केवाईसी किया गया होगा।

टेली मार्केटिंग के लिए अलग नंबर सीरीज

थोक कनेक्शन लेने पर उस कंपनी या संस्था के नाम का डिस्प्ले होगा। टेली मार्केटिंग के लिए अलग नंबर सीरीज का प्रस्ताव है। ताकि ग्राहकों को पता चल जाए कि यह टेली मार्केटिंग का नंबर है। मोबाइल फोन के साथ लैंडलाइन फोन में भी यह सुविधा दी जाएगी।