Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले सियासी बाजार गर्म है। भाजपा और कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी जारी है। राम मंदिर को लेकर भी सियासत देखने को मिल रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को भाजपा पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
भाजपा राम की व्यपारी है- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस सदस्य भगवान राम के उपासक हैं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को इस साल जनवरी में अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार करने के पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए राजनीतिक कार्यक्रम था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य भगवान राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान का नेतृत्व किया था।
एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर "धर्म का राजनीतिकरण" करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह धर्म और राजनीति को भी नीचे लाता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वे "राम के व्यापारी" हैं, जबकि कांग्रेस सदस्य देवता के "पुजारी (उपासक)" हैं।
22 जनवरी का जश्न राजनीतिक था- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, 22 जनवरी का जश्न राजनीतिक था। यह एक राजनीतिक व्यक्ति के लिए किया गया था। हम राम के उपासक हैं और वे (भाजपा) राम के व्यापारी हैं। दिलचस्प बात यह है कि आज मेरा जन्मदिन है। मेरा नाम है -जयराम रमेश - मेरे नाम के दोनों भागों में 'राम' है। हमें कोई राम विरोधी नहीं कह सकता है। ये धर्म का राजनीतिकरण है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अपनी लोकसभा चुनाव रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के बारे में जयराम रमेश से सवाल किया गया था जिसमें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करने के फैसले पर कांग्रेस की आलोचना की गई थी।
पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जो पार्टी के रुख से असहमत थे।
कांग्रेस ने राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल होने से कर दिया था मना
कांग्रेस ने जनवरी में एक बयान जारी कर अपने वरिष्ठ नेताओं को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि यह "स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा का कार्यक्रम" था।
पार्टी ने एक बयान में कहा था, 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है।