सेहतमंद रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट लेना काफी जरूरी है। यह बात आपने बड़े-बुजुर्गों से लेकर डॉक्टर्स तक के मुंह से कई बार सुनी होगी। ऐसे में अगर आपसे कहा जाए कि 43 अनाज- फल और सब्जियां अपने पोषक तत्वों को खो रहे हैं तो आपको कैसे लगेगा? जी हां आइए आपको बताते हैं कि इसे लेकर क्या कहती है यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में हुई स्टडी।
बीन्स में कितनी घटी कैल्शियम की मात्रा?
स्टडी में बताया गया है कि 20वीं सदी की शुरुआत में बीन्स में जहां कैल्शियम की मात्रा 65 मिलीग्राम होती थी, वहीं यह अब आधी होकर 37 मिलीग्राम रह गई है। वहीं, ब्रोकली में भी आयरन की मात्रा में कमी देखने को मिली है। शतावरी की बात करें, तो इसमें विटामिन ए की मात्रा लगभग आधी बची है। वहीं, चावल में भी प्रोटीन, जिंक और आयरन कंटेंट कम हो गया है।
क्यों फल-सब्जियां खो रहे हैं अपने पोषक तत्व?
वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा पर्यावरण परिवर्तन के चलते हो रहा है। वातावरण में जैसे-जैसे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की मात्रा कम होती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में इस समय लोगों में विटामिन ए, आयरन और जिंक की कमी ही सबसे ज्यादा हो रही है। खाद्य पदार्थों में भी ये ही पोषक तत्व सबसे ज्यादा तेजी से खत्म हो रहे हैं।
साथ ही, इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) के कार्यक्रम प्रमुख के मुताबिक, ज्यादा बारिश, ठंड और दूसरे नुकसान की वजह से कई खाने-पीने की चीजों में आयरन और जिंक की मात्रा 30% से 40% कम हो गई है।
बीजों में कैसे डाले जा रहे पोषक तत्व?
फल-सब्जियों में पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए मॉडिफाइड क्रॉप, पोषक तत्वों से भरपूर खाद, मिट्टी में कमी वाले खनिजों को मिलाना, जैसी कई अलग- अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा खास तकनीक है बायोफोर्टिफिकेशन, जिससे वैज्ञानिक बीजों में ही पोषक तत्व डाल रहे हैं, ठीक उस तरह जैसे नमक में आयोडीन मिलाया जाता है। हालांकि, इस तकनीक से किसी एक या दो पोषक तत्वों की ही भरपाई मुमकिन है, लेकिन फल-सब्जियों में एक-दो नहीं कई पोषक तत्वों की कमी देखने को मिल रही है।