रात को अच्छी तरह सोने के बाद भी सुबह आपको थकान महसूस होती रहती है और यह पूरे दिन ही बनी रहती है तो आप Chronic Fatigue Syndrome का शिकार हो सकते हैं। क्या है यह समस्या और कैसे लक्षण इसमें देखने को मिलते हैं साथ ही इससे कैसे राहत पा सकते हैं जानेंगे आज इसके बारे में विस्तार से।

दिनभर काम और स्ट्रेस झेलने के बाद थकान महसूस होना लाजमी है। जिसे दूर करने में रात की सुकून भरी नींद बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें रात को पूरी नींद लेने के बाद भी दिनभर उबासियां आती रहती हैं, थकान महसूस होती रहती है, किसी काम में मन नहीं लगता, जिसके चलते आपका कामकाज भी प्रभावित होने लगता है, तो यह क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम है। आइए जानते हैं क्यों होती है यह समस्या, क्या हैं इसके लक्षण और साथ ही बचाव के उपायों के बारे में भी। 

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण

- सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होना

- याददाश्त कमजोर होना

- सिर दर्द बने रहना

- दिनभर नींद आना

- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

- लंबे समय तक खांसी आना

- ठंड लगना

- ज्यादा पसीना आना

- मूड खराब रहना

- आंखों में जलन व ड्राईनेस

- काम में मन न लगना

- भूख कम लगना

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के कारण

- ऑमतौर पर खराब रोग-प्रतिरोधक क्षमता वालों को यह समस्या ज्यादा प्रभावित करती है। ऐसे लोग काम का दबाव बढ़ते ही थकान महसूस करने लगते हैं।

- कुछ बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

- लो ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान लोग भी इस समस्या की गिरफ्त में जल्दी आ जाते हैं।

- लंबे समय तक तनाव में रहने और किसी तरह के हॉर्मोन्स असंतुलन से भी यह समस्या हो सकती है।

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम में क्या करें?

- कैफीन का सेवन कम कर दें।

- एल्कोहॉल और निकोटिन पर भी लगाम लगाएं।

- थकान दूर करने के लिए दिन में सोने की आदत सही नहीं। क्योंकि इससे रात की नींद डिस्टर्ब होती है।

- ऑफिस का काम वहीं खत्म करके आएं, घर में निपटाने की कोशिश न करें।

- छोटी-छोटी बातों पर स्ट्रेस लेने की आदत छोड़ दें।

- बॉडी को एक्टिव व एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करें।

- बहुत ज्यादा वर्कआउट से भी बचें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।