Google का वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप यानी यूट्यूब ने अपने क्रिएटर्स के लिए एक नया टूल पेश किया है। YouTube के नए नियमों के अनुसार अब कंटेंट क्रिएटर्स के कोई भी एआई जनरेटर कंटेंट को लेबल करना होगा। इस टूल की मदद से क्रिएटर्स और उनके ऑडियंस के बीच पारदर्शिता और विश्वास बना रहेगा। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते है।

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Google के लाखों यूजर्स है, जो अपनी जरूरतों के हिसाब से इनका इस्तेमाल करते हैं। यूट्यूब भी इनमें से ही एक है। इसका इस्तेमाल आम लोगों के साथ-साथ क्रिएटर्स भी इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में यूट्यूब ने अपने कुछ नियमों में बदलाव किया है।

आपको बता दें कि यूट्यूब ने नवंबर में घोषणा की थी कि कंटेंट क्रिएटर्स को एआई-जनरेटेड कंटेंट के लिए नए नियमों का पालन करना होगा। इन नियमों के अनुसार उन्हें AI से बनाए गए कंटेंट को लेबल करना होगा। आइये जानते हैं इसके पीछे का क्या कारण है।

AI जनरेटेड कंटेंट को करना होगा लेबल

  • जैसा कि हम जानते हैं कि सरकार और टेक कंपनियां लगातार लोगों को गलत सूचनाओं और एआई जनरेटेड कंटेंट से सुरक्षित रखने के प्रयास में रहता है। यूट्यूब भी इसमें से ही एक है।
  • यूट्यूब ने हाल ही में कहा कि यह गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए एक नया टूल ला रही है, जो उसके प्रयासों का एक हिस्सा है।
  • YouTube ने एक टूल पेश किया है जिसके लिए क्रिएटर्स एआई-जनरेटेड कंटेंट का खुलासा करना होगा।
  • कंपनी ने कहा कि हम क्रिएटर स्टूडियो में एक नया टूल पेश कर रहे हैं, जिसके लिए क्रिएटर्स को ऑडियंस को यह बताना होगा कि कंंटेंट, जिसे दर्शक आसानी से किसी वास्तविक व्यक्ति, स्थान या घटना के रुप में समझ सकते हैं। भले ही यह जेनेरिक एआई परिवर्तित या सिंथेटिक मीडिया के साथ बनाई गई है।