किसी भी यूजर के लिए परफॉर्मेंस बहुत मायने रखता है और इसमें iOS एंड्राइड से आगे निकल जाते हैं। एपल के iPhone में काफी फास्ट चिपसेट प्रदान किया जाता है जबकि एंड्रॉइड में मिलने वाले चिपसेट की इतनी स्पीड नहीं होती है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के मामले में ही iPhone के चिपसेट बहुत फास्ट होते हैं। आइए इन पांच कारणों के बारे में जानते हैं।

एंड्रॉइड और iPhone दोनों ही यूजरबेस अलग-अलग है। किसी को एपल के महंगे आईफोन पसंद आते हैं तो कुछ ऐसे यूजर्स होते हैं जिनकी पहली पसंद एंड्रॉइड स्मार्टफोन होते हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो कन्फ्यूजन के चक्कर में तय नहीं कर पाते हैं कि कौन सा फोन उनके लिए परफेक्ट है। इस लेख में पांच ऐसे कारण बताने वाले हैं जिनकी वजह आईफोन एंड्रॉइड से आगे निकल जाते हैं।

फास्ट परफॉर्मेंस

किसी यूजर के लिए परफॉर्मेंस बहुत मायने रखता है और इसमें iOS एंड्राइड से आगे निकल जाते हैं। एपल के आईफोन में काफी फास्ट चिपसेट प्रदान किया जाता है जबकि एंड्रॉइड में मिलने वाले चिपसेट की इतनी स्पीड नहीं होती है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के मामले में ही iPhone के चिपसेट बहुत फास्ट होते हैं।

नियमित अपडेट मिलना

एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जो स्मार्टफोन आते हैं उनमें नियमित अपडेट न मिलना बहुत बड़ी परेशानी होती है। लेकिन iOS के मामले में ऐसा नहीं है। इन्हें एपल के द्वारा समय-समय पर अपग्रेड फीचर्स के साथ अपडेट दिए जाते हैं तो ऐसे में iOS Features के मामले में भी बेहतर हो जाता है।

सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर

Android के मुकाबले ios में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही मजबूत मिलते हैं। कंपनी दावा करती है कि वह अपने डिवाइस में सबसे बेहतर ईकोसिस्टम प्रदान करती है जो यूजर्स को खास फीचर्स और अलग एक्सपीरियंद देता है।

सेफ्टी फीचर्स

iOS यानी आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम सेफ्टी और सिक्योरिटी के मामले में एंड्रॉइड की तुलना में काफी आगे है। माना जाता है कि आईफोन में आपकी पर्सनल जानकारी एंड्रॉइड के मुकाबले अधिक सेफ रहती है। जो इसे बेहद अलग बना देती है।