क्या आप अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस के बारे में जानते हैं? इसके कुछ मामले पिछले दिनों पुणे सामने आए थे जिसके बाद से प्रशासन सुअरों की किलिंग करने में जुट गया है। वजह है कि इसमें मृत्यु दर 100 प्रतिशत होती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि क्या है ये बीमारी और कैसे दिखते हैं इसके लक्षण।

 अफ्रीकन स्वाइन फीवर सुअरों में होने वाली एक बेहद घातक बीमारी है, जिसका संक्रमण जानवरों से जानवरों के बीच देखा जाता है। पिछले महीने के आखिर में पुणे में इस बीमारी के दो मामले सामने आए थे, जिसे लेकर राज्य पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा गया था। इसके बाद संक्रमित सूअरों को मारने का रास्ता अपनाया गया, चूंकि इस जानलेवा बीमारी में मृत्यु दर 100 प्रतिशत है। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और कैसे दिखते हैं इसके लक्षण।

क्या है 'अफ्रीकन स्वाइन फीवर'

अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अफ्रीकन स्वाइन फीवर वायरस (ASFV) सुअरों में होने वाली एक घातक और संक्रामक बीमारी है। ये पालतू और जंगली दोनों सुअरों में देखी जा सकती है। अभी तक इसका ज्यादा असर मनुष्यों पर तो देखने को नहीं मिला है, लेकिन ये सभी के खतरनाक बीमारी है।

बता दें, इस बीमारी का संक्रमण पशु से पशु के बीच तेजी से फैलता है। ये एक संक्रामक श्वसन रोग होता है जो आमतौर पर सूअरों को अपनी जद में लेता है। इसका मुख्य कारण इन्फ्लुएंजा ए (एच1एन1) वायरस बताया जाता है।

क्या दिखते हैं इसके लक्षण?

- सुअरों में तेज बुखार

- सांस लेने में मुश्किल

- गले में खराश और खांसी

- कमजोरी और सिरदर्द

- मांसपेशियों में दर्द

- दस्त और खून आना