कई सारी ऐसी एक्सरसाइजेस हैं, जिन्हें करने के दौरान हाथों पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इससे हाथों में दर्द, मोच और सूजन की समस्या हो सकती है। कई बार तो वर्कआउट से ही कुछ दिनों का ब्रेक लेना पड़ जाता है। इसलिए वर्कआउट से पहले वॉर्मअप को जरूरी बताया गया है, लेकिन साथ ही साथ कुछ और भी ऐसी चीज़ों की जरूरत होती है, जो एक्सरसाइज के दौरान हमें सपोर्ट कर सके। ऐसी ही एक चीज़ है रिस्ट बैंड यानि एक ऐसा बैंड जो आपकी कलाईयों को वर्कआउट के वक्त सेफ रखें खासतौर से वेट लिफ्टिंग में।वैसे सिर्फ वेट ट्रेनिंग में ही नहीं, क्रॉसफिट, किक बॉक्सिंग, योग के कुछ अभ्यासों में भी रिस्ट बैंड कई तरीकों से आपकी मदद कर सकता है।

वर्कआउट के दौरान क्यों जरूरी है रिस्ट बैंड

1. इंजुरी से बचने के लिए

रिस्‍ट बैंड या रैप कलाई के ज्वॉइंट्स को सपोर्ट प्रदान करते हैं। जिससे झटका लगने और मोच की वजह से हड्डी और मसल्स टिश्यू को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। अगर आपको हड्डियों से जुड़ी कोई समस्या है, तब तो आपको वर्कआउट ही नहीं बल्कि खेल के दौरान भी रिस्ट बैंड पहनना चाहिए। 

2. सही मूवमेंट के लिए

रिस्ट बैंड्स वर्कआउट्स परफॉर्मेंस को भी सुधारते हैं। वेट ट्रेनिंग सही से न करने पर बॉडी में पेन की प्रॉब्लम हो सकती है और जिस चीज़ के लिए आप ट्रेनिंग कर रहे हैं वो फायदा भी नजर नहीं आता। इसलिए आपको बैंड जरूर पहनना चाहिए।  

3. बेहतर ग्रिप के लिए

रिस्ट बैंड से जब कलाईयों और मसल्स को सही सपोर्ट मिलता है, तो आप डंबल, रोप, बारबेल या रेजिस्टेंस बैंड को बेहतर तरीके से पकड़ पाते हैं और सही तरीके से वर्कआउट कर पाते हैं।  

4. मसल्स का स्ट्रेस कम करने के लिए

क्रॉसफिट या वेट ट्रेनिंग के दौरान मसल्स में खिंचाव होता है। लेकिन जब आप रिस्ट बैंड का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे ये तनाव कम होता है। 

5. ज्‍यादा वजन उठाने के लिए

मसल्‍स बनाने की वेट ट्रेनिंग बेस्ट है, लेकिन ज्यादा वजन उठाने के लिए कलाईयों में दम होना चाहिए। इसके लिए रिस्ट मूवमेंट तो जरूरी है ही साथ ही साथ सपोर्ट के लिए रिस्ट बैंड भी पहनना जरूरी है। 

रिस्‍ट बैंड यूज करते वक्त ध्यान रखें ये बातें 

- रिस्ट बैंड पहनने से कलाई की थोड़ी मूवमेंट कर लें। 

- रिस्ट बैंड को कलाईयों पर बहुत तेजी से भी नहीं बांधना है। 

- वेल्क्रो या एडजस्टिंग बैंड वाला रिस्‍ट बैंड सही होता है।