दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर अलग-अलग बहस चल रही हैं। एआई की वजह से लोगों की नौकरियों के जाने का भी खतरा बना हुआ है। इसी कड़ी में आईएमएफ प्रमुख ने एआई को लेकर कई बातें कही हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने यह स्वीकारा है कि एआई टेक्नोलॉजी इंसानों की नौकरी के लिए एक खतरा पैदा कर रही है।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर अलग-अलग बहस चल रही हैं। एआई की वजह से लोगों की नौकरियों के जाने का भी खतरा बना हुआ है। इसी कड़ी में आईएमएफ प्रमुख ने एआई को लेकर कई बातें कही हैं।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने यह स्वीकारा है कि एआई टेक्नोलॉजी इंसानों की नौकरी के लिए एक खतरा पैदा कर रही है।
नौकरी जाने का यह संकट दुनिया भर में बना हुआ है। नई टेक्नोलॉजी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने को लेकर कंपनियों की पसंद बन रही है। इस टेक्नोलॉजी से वैश्विक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
60 प्रतिशत नौकरियों पर खतरा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच के लिए निकलने से पहले एक इंटरव्यू में एआई को लेकर बातें कहीं। उन्होंने कहा कि एआई अर्थव्यवस्थाओं में 60 प्रतिशत नौकरियों को प्रभावित करेगा।
विकासशील देशों पर भी रहेगा एआई का प्रभाव
आईएमएफ की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि विकासशील देशों में एआई का प्रभाव कम होने की उम्मीद है।