हिंद महासागर में भारत की ताकत और बढ़ चुकी है। चीन और पाकिस्तान को चुनौती देने के लिए आईएनएस इंफाल तैयार है।स्वदेश में निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल मंगलवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित समारोह में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय नौसेना के अधिकारी मौजूद थे।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत: रक्षा मंत्री
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए राजनाथ सिंह ने कहा,"आईएनएस इंफाल की सबसे बड़ी ताकत है कि यह पूर्ण स्वदेश में निर्मित की गई युद्धपोत है। आईएनएस इंफाल भारत की नौसेना को और ताकतवर बनाएगा।"
भारत के अलग-अलग शक्तियों के जरिए आईएनएस इंफाल का हुआ निर्माण
इस युद्धपोत का नाम इंफाल रखा गया है जो नॉर्थ ईस्ट की ग्लोरी को दर्शाता है। आईएनएस इंफाल विशाखापट्टनम क्लास के अंतर्गत आता है। आईएनएस इंफाल पर ब्रह्मोस एयर फोर्स ने ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च किया गया।
भेल (BHEL) ने मीडियम रेंज मिसाइल लॉन्च किया। इसके अलावा कई सारे स्टार्ट्स अप भी इसके निर्माण में शामिल हैं। भारत के अलग-अलग शक्तियों के जरिए आईएनएस इंफाल का निर्माण हुआ है।
राजनाथ सिंह ने भारत को क्यों बताया द्वीप देश?
राजनाथ सिंह ने आगे कहा इंटरनेशनल ट्रेड की दृष्टि से देखा जाए तो भारत एक द्वीप देश है। दरअसल ज्योग्राफी दो प्रकार के होते हैं, फिजिकल ज्योग्राफी और ह्यूम ज्योग्राफी। फिजिकल ज्योग्राफी में पहाड़ और पठार आते हैं। वहीं, ह्यूमन ज्योग्राफी में मनुष्य का समाज और सभ्यता आती है।
दरअसल, उत्तर में हिमालय के कारण और पश्चिम में पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के कारण वहां से हमारा ट्रेड नहीं हो पाता। हमारा ज्यादातर गुड ट्रेड्स समुद्र की ओर से होता है।
लाल सागर में हुए ड्रोन हमले पर रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, आजकल समुद्र में हलचल कुछ ज्यादा बढ़ गई है, भारत की बढ़ती ताकत से कुछ देशों को ईर्ष्या से भर दिया है। अरब और लाल सागर में जहाजों पर हुए ड्रोन हमले को भारत ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। भारतीय नौसेना ने समुद्र की निगरानी बढ़ा दी है। जिन्होंने भारत के खिलाफ कार्रवाई की है, उन्हें हम समुद्र तल से भी ढूंढ निकालेंगे।