नई दिल्ली। सोमवार को दोनों सदनों से 78 सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद इसे भारत की संसद के इतिहास में सबसे बड़ा एक दिवसीय निष्कासन बना दिया गया, जिसमें पहले हटाए गए 14 सदस्यों को मिलाकर इसकी संख्या 92 हो गई। दोनों सदनों के सदस्यों के निलंबन पर मंगलवार को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "लोकतंत्र की जननी ने इसे अनाथ कर दिया।"

संसद सुरक्षा उल्लंघन को लेकर दोनों सदनों में सभापति, वित्त मंत्रालय और विपक्ष के बीच विस्फोटक झड़प के बीच 13 दिसंबर की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने और कार्यवाही बाधित करने के लिए 78 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। राज्यसभा सांसद ने नागरिकों से 'लोकतंत्र के अस्तित्व' को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेने का भी आग्रह किया।

सांसदों के निलंबन पर कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

मंगलवार को 'एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल पर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री ने पोस्ट किया, "लोकतंत्र की जननी ने इसे अनाथ कर दिया है! भारत के लोगों को इसका ध्यान रखना चाहिए और इसके अस्तित्व को सुनिश्चित करना चाहिए।"

सांसदों के सस्पेंशन के टूट गए सभी रिकॉर्ड

सोमवार को 78 सांसदों के निलंबन के साथ "कदाचार" और अध्यक्षों के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए दोनों सदनों से निलंबित विधायकों की संख्या बढ़कर 92 हो गई।

सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया था। पहले स्थगन के बाद दोपहर तीन बजे जब सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो सभापति के तौर पर मौजूद भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि सदस्य नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।