• अपने आका केजरीवाल की रैली के लिए 6 स्कूल बंद करने का तुगलकी फरमान सुनाया डमी सीएम भगवंत मान नेl
  • छह स्कूलों की महिला मुखियों को अपने सुरक्षा कर्मियों की देखरेख का जिम्मा सौंपना भगवंत मान की घटिया सोच का प्रमाणl

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पर सूबे के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बठिंडा जिले के 6 स्कूल इसलिए बंद रखने का फरमान सुनाया है क्योंकि उस दिन उनके आका अरविंद केजरीवाल ने वहां रैली करनी है। मुख्यमंत्री जवाब दें कि आखिर उन्हें किस से खतरा है, कल तक वह कहते थे कि अगर आपको खतरा है तो घर बैठिए इतनी सुरक्षा की क्या जरूरत और अब खुद वह क्या कर रहे हैं?
चुघ ने भगवंत मान से पूछा कि एक ओर तो वह स्कूलों में जाकर बच्चों के साथ फोटो सैशन करके खुद की राजनीति चमकाने के लिए आम आदमी का सबसे बड़ा हितैषी बताते हैं, दूसरी ओर बच्चों की पढ़ाई का नुकसान अपनी राजनीतिक रैली के लिए कर रहे हैं। उन्होंने भगवंत मान को डमी मुख्यमंत्री बताते हुए सलाह दी कि वह अपने आका की रैली के लिए जारी किए इस आदेश को तुरंत वापस लें।
चुघ ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं सुना कि इस तरह से स्कूलों को किसी रैली के लिए बंद कर दिया जाए। बठिंडा जिले के सीनियर सेकेंडरी और एलीमेंटरी शिक्षा अधिकारियों द्वारा दिए इन आदेशों की प्रति मीडिया को जारी करते हुए उन्होंने बताया कि इसमें बाकायदा लिखा है कि 17 दिसंबर को होने वाली मुख्यमंत्री की रैली के लिए 16 दिसंबर को स्कूलों की बच्चों की छुट्टी की जाए क्योंकि 15 दिसंबर से उनके सुरक्षा कर्मियों के ठहरने का बंदोबस्त इन स्कूलों में किया जाना है। उन्होंने पूछा कि सी.एम. कितनी सिक्योरिटी में चलते हैं, इसका अंदाजा इन आदेशों से साफ हो जाता है कि सी.एम. सिक्योरिटी के जवानों के लिए 6 स्कूलों की जरूरत पड़ रही है।
चुघ ने कहा, ‘इन आदेशों में यह भी लिखा है कि स्कूल मुखी 17 तक दिसंबर की शाम तक स्कूलों में ही रुकेंगे और बिजली, पानी और साफ-सफाई का बंदोबस्त करेंगे।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या स्कूल मुखी जैसे प्रतिष्ठित पद की गरिमा आम आदमी पार्टी की सरकार ने इतने नीचे गिरा दी है कि वह सुरक्षा कर्मियों के लिए केयर-टेकर की तरह काम करें।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि जिन स्कूलों को बंद करने का आदेश हुआ है उनमें सरकारी प्राइमरी स्कूल मौड़ मंडी, एस.डी. सरकारी हाई स्कूल मौड़ मंडी, एस.डी. सरकारी प्राइमरी स्कूल मौड़ मंडी, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मौड़ कलां, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मौड़ खुर्द और लड़कियों का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मौड़ मंडी शामिल हैं।
चुघ ने साथ ही कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक इन सभी स्कूलों में स्कूल हैड महिलाएंं ही हैं। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि उनके मन में महिलाओं के प्रति यह किस तरह का सम्मान है, जो उन्हें शिक्षा का काम छोड़ कर अपने सुरक्षा कर्मियों की देखरेख का काम सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन आदेशों से मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी की महिलाओं के प्रति सोच का साफ पता चलता है।