नई दिल्ली। 2018 से अब तक विदेशों में प्राकृतिक कारणों, हादसों और चिकित्सकीय स्थितियों के कारण 403 भारतीय छात्रों की मौत हो चुकी है। कनाडा में यह संख्या सर्वाधिक 91 है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वरिष्ठ अधिकारी भारतीय छात्रों और उनके संगठनों से नियमित बातचीत के लिए विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करते हैं। विदेशों में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, कनाडा के बाद ब्रिटेन में 48, रूस में 40, अमेरिका में 36, ऑस्ट्रेलिया में 35 , यूक्रेन में 21, जर्मनी में 20, साइप्रस में 14 और इटली व फिलीपींस में 10-10 छात्रों की मौत हुई।
चार साल में हाथियों के हमलों में 2657 लोगों की गई जान
2018-19 से 2022-23 के बीच देशभर में हाथियों के हमलों में 2657 और 2018 से 2022 के बीच बाघ के हमलों में 293 लोगों की मौत हो गई। देश के विभिन्न हिस्सों में कई कारणों से जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएं सामने आईं। इनमें निवास स्थान का क्षरण, निरंतर सुरक्षा प्रयासों और बदलते फसल तरीकों के कारण जंगली जानवरों की बढ़ती आबादी आदि प्रमुख कारण रहे। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को यह जानकारी राज्यसभा में सवाल के जवाब में दी।
पिछले पांच वर्ष में 314 पुरावशेष वापस लाए गए
गत पांच वर्ष में विभिन्न देशों से 314 पुरावशेषों को देश में वापस लाया गया। 2021 में 159 और 2023 में अब तक 115 पुरावशेषों समेत अन्य को विभिन्न वर्षों में वापस लाया गया। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में देशवार डाटा भी प्रस्तुत किया। इस समयावधि में पुरावशेष तस्करों पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां संबंधित कानूनों के प्रविधानों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करती हैं।
राष्ट्रीय संग्रहालय को बंद करने के लिए अब तक निर्णय नहीं
सेंट्रल विस्टा के विस्तार के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय को बंद करने के लिए अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 35 हजार वर्ग मीटर के संग्रहालय में वर्तमान में भारतीय और विदेशी दोनों तरह की लगभग दो लाख वस्तुएं हैं। यह संग्रहालय पांच हजार वर्षों से अधिक की भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सहेजता है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
जी-20 अध्यक्षता-शिखर सम्मेलन को 1310 करोड़ रुपये किए आवंटित
सरकार ने जी-20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय को 1310 करोड़ रुपये आवंटित किए। 2022-23 में जी-20 की अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन के लिए वित्त मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को 320 करोड़ रुपये और 2023-24 में 990 करोड़ आवंटित किया। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इस राशि के अतिरिक्त जी-20 सचिवालय के लिए कोई राशि जारी नहीं की गई।