नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग से चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कथित तौर पर की गई 'मूर्खों का सरदार' टिप्पणी और गृह मंत्री शाह द्वारा राहु-केतु बताने के लिए इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप
कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त सहित चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और मांग की कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, भले ही वे किसी भी पद पर क्यों न हों।
चुनाव आयोग से यह भी अनुरोध किया गया कि वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रचार खत्म होने और मतदान शुरू होने तक की अवधि (साइलेंस पीरियड) में आचार संहिता के उल्लंघन की आशंका और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर डाक मतपत्र से छेड़छाड़ के मद्देनजर उचित कदम उठाए जाएं। कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु ¨सघवी, सलमान खुर्शीद के अलावा गुरदीप सप्पल, प्रणव झा और विनीत पुनिया शामिल थे।
चुनाव आयोग से तीन बिंदुओं पर बात
सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग से हमने तीन बिंदुओं पर बात की है। हमने 24 नवंबर को शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया है। हमने तीन उदाहरण दिए। प्रधानमंत्री ने 'मूर्खों का सरदार' वाली टिप्पणी की।
गृह मंत्री ने 'राहु-केतु सिंड्रोम' वाला बयान दिया तथा उन्होंने विदेशी मूल को लेकर भी टिप्पणी की। ये तीनों बयान आपत्तिजनक हैं और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में चुनाव आयोग ने इससे कम आपत्तिजनक वाले बयानों पर भी कार्रवाई की है।