मेलबर्न। साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया की संसद में पहले भारतीय मूल के विधायक बने दवे शर्मा (Dave Sharma) न्यू साउथ वेल्स लिबरल सीनेट की दौड़ में अपनी जीत के बाद राजनीति में वापसी करेंगे।

ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 47 वर्षीय शर्मा पूर्व विदेश मंत्री मैरिस पायने की रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह लेंगे। दवे शर्मा ने 2022 के चुनाव में अपनी हार तक वेंटवर्थ की सिडनी सीट का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने न्यू साउथ वेल्स (NSW) के पूर्व मंत्री एंड्रयू कॉन्स्टेंस को हराया।

इजरायल में राजदूत के तौर पर तैनात

ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू साउथ वेल्स लिबरल पार्टी के सदस्यों द्वारा रविवार को हुए मतदान में शर्मा ने अंतिम मतदान में कॉन्स्टेंस को 251-206 से हराया। शर्मा ने 2013 से 2017 तक इजरायल में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत के रूप में भी कार्य किया है। दरअसल, उनको पार्टी के भीतर नरमपंथियों का समर्थन प्राप्त था।

राष्ट्रीय हितों के लिए बेहद खास

यह कहते हुए कि पूर्व सीनेटर पायने से पदभार ग्रहण करना एक विशेषाधिकार था, शर्मा ने कहा, "मैं अल्बानी सरकार को उसके कई गलत कदमों और गलत निर्णयों के लिए सीनेट में जवाबदेह ठहराने और इसके लिए लड़ने का अवसर देने के लिए पार्टी सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं। न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) में कई परिवार लेबर के जीवन-यापन संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"

रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, "सीनेट में सेवा करने का अवसर मुझे वैश्विक उथल-पुथल के समय में हमारे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के लिए लड़ने की अनुमति देगा।"