मुस्लिम लीग और सीपीआई (एम) के बाद कांग्रेस अगले हफ्ते उत्तरी केरल के शहर कोझिकोड में फलिस्तीन समर्थक एक विशाल रैली आयोजित करने की तैयारी में है। कांग्रेस ने कहा कि वह एकमात्र राजनीतिक दल है जो भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए इजरायल समर्थक रुख को सुधारने में सक्षम है।

केपीसीसी प्रमुख के सुधाकरन ने गुरुवार को कहा कि 23 नवंबर को होने वाली रैली में 50,000 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता भाग लेंगे और उन्हें कोझिकोड और अन्य जिलों से जुटाया जाएगा। सुधाकरन ने एक बयान में कहा, "सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक विश्वासी 23 नवंबर को कोझिकोड समुद्र तट पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली रैली में शामिल होंगे।" एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल एकजुटता रैली का उद्घाटन करेंगे, जिसमें विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्रों के नेता, लेखक और सांस्कृतिक प्रतीक भी उपस्थित होंगे।

कांग्रेस का यह कदम केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) द्वारा चल रहे फलिस्तीन समर्थक अभियान के जवाब में आया है। सुधाकरन ने कहा, "कांग्रेस एकमात्र संगठन है जो भाजपा सरकार की नीतियों को सही करने में सक्षम है, जिसने इजरायल समर्थक रुख अपनाया है।" उन्होंने फलिस्तीनी लोगों के साथ कांग्रेस की ऐतिहासिक एकजुटता पर प्रकाश डाला। इसकी तुलना उन्होंने सीपीआई (एम) के फलिस्तीनी लोगों की दुर्दशा का फायदा उठाने वाले अवसरवादी अभियानों से की।

सुधाकरन ने आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) ने राज्य सरकार की मशीनरी की मदद से कांग्रेस की कोझिकोड रैली में तोड़फोड़ करने का प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के फलिस्तीन एकजुटता कार्यक्रम ने सत्तारूढ़ पार्टी को बेचैन कर दिया है। चूंकि, केरल में सीपीआई (एम), कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) द्वारा फिलिस्तीन समर्थक रैलियां आयोजित की जा रही हैं। इसलिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने उन पर "सांप्रदायिकता" की वकालत करने का आरोप लगाते हुए चार स्थानों पर विरोध मार्च आयोजित करने का फैसला किया है।