नई दिल्ली। तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा दो नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद और कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर पर अनैतिक और अशोभनीय निजी सवाल पूछने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मोइत्रा ने कमेटी अध्यक्ष के ऊपर असंसदीय टिप्पणी की।

'हमने महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका दिया, फिर भी...'

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर रही एथिक्स कमेटी के सदस्य और भाजपा सांसद डॉ. राजदीप रॉय ने कहा कि महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका दिया गया। वह बिना किसी रुकावट के काफी देर तक बोलीं। दरअसल, हम उनकी निजी कहानियां नहीं सुनना चाहते थे। इसके बाद भी उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बात नहीं सुनी गई।

'टीएमसी सांसद ने लंच के बाद हंगामा करना शुरू कर दिया'

राजदीप रॉय ने कहा कि लंच के बाद के सत्र में कुछ सवालों के जवाब देने के बाद टीएमसी सांसद ने हंगामा करना शुरू कर दिया और कहा कि आपको यह सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह व्यक्तिगत तौर पर सवाल है। एक सांसद होने के नाते, आप यह नहीं कह सकते कि आरोप व्यक्तिगत हैं, इसलिए आप जवाब नहीं दे सकते...महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने के लिए लगभग दो से 2.50 घंटे का समय दिया गया था।

'ज्यादा आक्रामकता स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है'

भाजपा सांसद ने कहा कि महुआ को शालीनता से व्यवहार करना चाहिए था। ज्यादा आक्रामकता और अहंकार स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।