राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में चयन होने के बाद भी एमबीसी वर्ग की विधवा अभ्यर्थी को चयन से वंचित करने पर राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव,प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और करौली जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से जवाब तलब किया है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने विधवा अभ्यर्थी को चयन के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब.इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कार्यग्रहण कराने के आदेश दिए है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 के लेवल प्रथम के लिए एमबीसी के विधवा वर्ग में आवेदन किया था. याचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक आने पर उसके दस्तावेज सत्यापन कर नियुक्ति के लिए करौली जिला आवंटित कर दिया गया.जब याचिकाकर्ता कार्यग्रहण करने गई तो उसे यह कहते हुए कार्यग्रहण कराने से इनकार कर दिया गया कि उसके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिसमें उसके पति का नाम लिखा हो.
याचिका में इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसके आधार कार्ड में पूर्व में पिता का नाम था,जिसे उसने संशोधित कर अपने पति का नाम लिखवा दिया है.याचिकाकर्ता सभी शैक्षणिक योग्यता रखती है और उसके एमबीसी विधवा वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक भी आए हैं. ऐसे में उसे नियुक्ति से वंचित करना गलत है. इसलिए उसे करौली जिले में शिक्षक पद पर कार्यग्रहण कराया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.