काउंटर प्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के लेखक इवान लैम ने कहा कि चीन की मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन लंबी अवधि तक अपरिहार्य बनी रहेगी। सरकार द्वारा मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के चलते चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत ने 5.5 अरब डालर (45000 करोड़ रुपये से अधिक) के मोबाइल फोन निर्यात किए हैं।
निजी कंपनियों द्वारा किए गए भारी-भरकम निवेश के चलते मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। काउंटर प्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार में चालू वित्त वर्ष में भारत में असेंबल किए गए कुल मोबाइल फोन में से लगभग 22 प्रतिशत का निर्यात होने की उम्मीद है।
भारत ने 5.5 अरब डालर के फोन किए एक्सपोर्ट
काउंटर प्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट के लेखक इवान लैम ने कहा कि चीन की मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन लंबी अवधि तक अपरिहार्य बनी रहेगी। सरकार द्वारा मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के चलते चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत ने 5.5 अरब डालर (45,000 करोड़ रुपये से अधिक) के मोबाइल फोन निर्यात किए हैं।
एपल की रहेगी सबसे अधिक हिस्सेदारी
वाणिज्य विभाग और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन (आइसीईए) के अनुमान के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 की अप्रैल से अगस्त की अवधि में तीन अरब डालर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) के मोबाइल फोन निर्यात हुए थे। चालू वित्त वर्ष में मोबाइल फोन का निर्यात 1.20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। चालू वित्त वर्ष में निर्यात किए गए मोबाइल फोन में से आधे से अधिक हिस्सेदारी एपल की है।