लखनऊ। दिनांक 26 सितंबर 2023 को भूगोल विभाग, नेशनल पीजी कॉलेज एवं पीजी डिप्लोमा रिमोट सेंसिंग ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम (P.G Diploma Remote Sensing GIS) द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी का विषय “अंडरस्टैंडिंग ज्योमोरफ़ोलॉजिकल लैंडफार्म्स इन लखनऊ सिटी थ्रू इंडक्टिव मेथड” (Understanding Geomorphological Landforms in Lucknow City Through Inductive Method" । 

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रामचंद्र रिटायर्ड सीनियर साइंटिस्ट हेड रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर ने इस अवसर पर कहां की वर्तमान भूत की कुंजी है इसलिए वर्तमान समय में हमें लखनऊ नगर के भू आकृतिक क्षेत्र को खंडो में विभक्त करके उच्च शिक्षा में संलग्न छात्र-छात्राओं को शोध कार्य करना चाहिए जिससे न केवल भविष्य में उत्पन्न होने वाली छोटी छोटी समस्याओं का समाधान होगा वरन

लोकल तो ग्लोबल के मार्ग प्रशस्त होंगे ।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह ने भूगोल विभाग को शुभकामना देते हुए कहा कि विकास पर्यावरण एवं प्रकृति को प्रभावित करता है, तथा शिक्षा समाज को प्रभावित करता है । अतः वर्तमान समय में हम विकास को नहीं रोक सकते परंतु शिक्षा एवं शोध कार्य के माध्यम से हम सभी पर्यावरण एवं प्रकृति हो रहे दुष्परिवर्तनों को उजागर करके लखनऊ शहर को अर्बन फ्लड, गोमती नदी प्रदूषण, वेटलैंड संकुचन, नदी एवं नालों के समीप की जाने वाली अजैविक कृषि, शहर में निरंतर गिरते हुए जलस्तर आदि समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं । इस अवसर पर लगभग 50 बच्चों ने अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया ।

संगोष्ठी के द्वितीय दिवस पर छात्र-छात्राओं को बीरबल सहनी इंस्टीट्यूट के प्रयोगशाला एवं म्यूजियम में विजिट कराया जाएगा एवं पुलिस लाइन में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाएगा । संगोष्ठी में मुख्य संयोजक डॉ. पवन कुमार सिंह, डॉ.ऋतु जैन, डॉ.अभिषेक सिंह, श्री राजेश कुमार अभियंता जल निगम , लखनऊ डेवलपमेंट जीआईएस विशेषज्ञ श्री सूर्यकुमार, , श्री अनिकेत, श्री अचिंत, के एवं महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षिका उपस्थित रहे।