वर्तमान में भारत में जितनी भी इलेक्ट्रिकल व्हीकल का प्रयोग होता है उसमें सबसे अधिक लिथियम ऑयन वाली बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिथियम आयन बैटरी भारतीय सड़कों के लिए बेस्ट मानी जाती हैं। साल के शुरुआत में भारत में लिथियम का भंडार मिला था जिसके बाद से सभी का ध्यान ईवी बैटरी की कीमतों की ओर गया।

देश में ईवी को लोग स्वीकार करना शुरू कर दिए हैं, हालांकि अभी भी एक बड़ा तबका है, जो ईवी की कीमतों के घटने का इंतजार कर रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल इसलिए महंगी होती हैं क्योंकि बैटरी की कॉस्ट पूरी व्हीकल के निर्माण में लगी गई लागत के 50 फीसद के आसपास होता है। भारत बैटरी सेल को लेकर विदेशों पर निर्भर है। हालांकि भारत जल्द ही खुद की 100 फीसद मेड इन इंडिया बैटरी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतें कब कम होंगे। आइये इसका जवाब ईवी एक्सपर्ट्स से जानते हैं।

 

बैटरी की कीमतें कब तक कम होंगी?

न्यूरॉन एनर्जी प्रा. लि. के सीईओ एवं सह-संस्थापक प्रतीक कामदार ने बताया कि हाल के दिनों में भारत में लिथियम खनन का काफी विकास हुआ है। देश के भीतर लिथियम की उपलब्धता से मौजूदा हालात पूरी तरह बदल सकते हैं, क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। भारत में हाल ही में खोजे गए लिथियम भंडार से आयात पर निर्भरता में कमी आने के साथ-साथ पूरे ईवी सप्लाई चेन को मजबूती मिलने की संभावना है। आने वाले समय में हमारी निर्भरता काफी हद तक विदेशों पर कम हो जाएंगी।

पिछले साल गडकरी ने किया था ये दावा

पिछले साल नितिन गडकरी ने एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं कोशिश कर रहा हूं... एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत देश में पेट्रोल वाहनों की कीमत के बराबर हो जाएगी और हम जीवाश्म ईंधन पर खर्च किए गए पैसे को बचाएंगे। मंत्री ने कहा कि सरकार पहले से ही ग्रीन फ्यूल को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा नितिन गडकरी ने कहा कि जलमार्ग हमारे लिए सड़क की तुलना में परिवहन का एक सस्ता साधन है और यह बड़े पैमाने पर सामने आने वाला है।

 

जम्मू-कश्मीर में मिला लीथियम का भंडार

वर्तमान में भारत में जितनी भी इलेक्ट्रिकल व्हीकल का प्रयोग होता है उसमें सबसे अधिक लिथियम ऑयन वाली बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिथियम आयन बैटरी भारतीय सड़कों के लिए बेस्ट मानी जाती हैं। साल के शुरुआत में भारत में लिथियम का भंडार मिला था, जिसके बाद से सभी का ध्यान ईवी बैटरी की कीमतों की ओर गया।