आज दरगं जिला साहित्य सभा भवन के सभा गृह में दरंग जिला साहित्य सभा के 50वें प्रतिष्ठा दिवस ओर स्वर्ण जयंती उपलक्ष्य में मंगलदै में आयोजित जिला साहित्य सभा परियोजना की बैठक और स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला के पूर्व अध्यक्ष एवं अन्य वरिष्ठ व्यक्तियों द्वारा दरंग जिला साहित्य सभा का 50 झंडे फहराया गया। साल 1973 में गठित किया गया दरगं जिला साहित्य सभा ने 21 जुलाई को अपनी 50वीं वर्ष पूरे किया और स्वर्ण जयंती मनाई जायेगी । 

मगंलदै साहित्य परिषद साल 1982 में हाइलाकांदि जिला मे आयोजित असम साहित्य सभा के अधिवेशन के दौरान मंगलदै साहित्य परिषद को दरगं जिला साहित्य सभा के रूप में मान्यता मिली। दरंग जिला साहित्य सभा के उपाध्यक्ष बरदा सैकिया के अध्यक्षता में "चिर चेनेही मोर भाषा जननी" गीत से शुभ शुरुआत की बैठक में असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान सिपाझार समष्टि के विधायक परमानंद राजवंशी के साथ असम साहित्य सभा की उपाध्यक्ष मृणालिनी देवी उपस्थित रहे ।

साल भर मनाये जाने वाले स्वर्ण जयंती अनुष्ठान में दरंग जिला साहित्य सभा के "पत्रिका" का शुभ उद्घाटन दरंग जिला साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नागेंद्र नाथ शर्मा ने किया.दरगं जिला साहित्य सभा 50 वर्षीय प्रतिष्ठा दिवस ओर स्वर्ण जयंती को मद्देनजर रखते हुए दरगं जिला के मेट्रिक ओर उच्चतर माध्यमिक के सात कृतिमान छात्रों को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर दरंग जिला साहित्य सभा के महासचिव गौतमानंद गोस्वामी ने कहा कि दरंग जिला साहित्य सभा के प्रतिष्ठा दिवस और स्वर्ण जयंती वर्ष का मुख्य कार्यक्रम है हम पुस्तक प्रकाशन और नई पीढ़ी को केसे साहित्यिक समाज में शामिल होने का प्रयास कर सकते हैं। वर्तमान में, दरंग जिले में 72 शाखाएँ हैं और यह सभी शाखा साहित्य सभा स्वर्ण जयंती वर्षों मनाएगी और मुझे आशा है कि यह स्वर्ण जयंती वर्ष युवा पीढ़ी को साहित्य सभा के मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।दरगं जिला साहित्य सभा के 50 वर्षीय प्रतिष्ठा दिवस ओर स्वर्ण जयंती अनुष्ठान में दरगं जिला साहित्य सभा के प्रतिष्ठापक महासचिव फुलेन्द्र नाथ चहरीया,ड• रामचन्द्र डेका,ड• नगेन्द्र नाथ शर्मा,विशिष्ट समाज सेवी राणा विशिष्ठ सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।