सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग का लक्ष्य अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों, शराब और मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, भिखारियों, अधिसूचित जनजातियों और खानाबदोश (डीएनटी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) जैसे सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों को सशक्त बनाकर एक समावेशी समाज का निर्माण करना है। यह विभाग देश में सशक्त समावेशी समाज बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रहा है । अपनी परिकल्पना को साकार करने के लिए विभाग ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में अतीत में कई अनुकरणीय कदम उठाए हैं।
लाभार्थियों को प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान करने के लिए उन्हें और अधिक कुशल बनाने के लिए विभाग में समय-समय पर सभी योजनाओं की समीक्षा की जाती है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में 21 अगस्त, 2023 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में पूरे विभाग का "चिंतन शिविर" आयोजित किया गया। शिविर में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी, डीओएसजेई सचिव श्री सौरभ गर्ग, अपर सचिव श्री सुरेंद्र सिंह और अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। विभाग और उसके स्वायत्तशासी निकायों राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआईएसडी), डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ), और तीन निगमों अर्थात् राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) के 400 से अधिक अधिकारी और विभाग के सभी स्तरों के अधिकारी भी मौजूद रहे। सहायक अनुभाग अधिकारी (एएसओ), अनुभाग अधिकारी (एसओ) और अवर सचिव (यूएस) स्तर के कुछ अधिकारियों ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के साथ विभाग में काम करने के अपने अनुभव साझा किए।
केंद्रीय मंत्री ने संदेश दिया कि व्यक्तियों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने और सामाजिक विकास में योगदान देने के लिए उचित रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। एक मजबूत रणनीति विकसित करने के लिए, समय-समय पर सामूहिक विचार-मंथन सत्रों की आवश्यकता होती है। राज्य मंत्री श्री ए नारायणस्वामी ने क्षेत्र में विभाग की योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के महत्व को व्यक्त किया। सचिव, डीओएसजेई ने कार्यालय में काम करने का स्वामित्व लेने का संदेश दिया और क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया।
चिंतन शिविर देश भर में लाभार्थियों की सेवा के लिए योजनाओं के कार्यान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य के साथ समापन हुआ।