नई दिल्ली,  चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की ओर आगे बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार रात को कहा कि चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर ली है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा पूरी कर चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है।

चंद्रयान-3 ने पूरी की पृथ्वी की परिक्रमा

इसरो ने बताया कि ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 का अगला पड़ाव चंद्रमा होगा। बता दें कि मिशन चंद्रयान-3 निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है।

इससे पहले इसरो ने बताया था कि चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की कक्षा में भेजने के लिए एक अगस्त की तारीख तय किया है। बताया गया था कि एक अगस्त को 12 बजे से 1 बजे के बीच चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को चालू किया जाएगा।

चांद की कक्षा से छह दिन दूर

इसरो की तरफ से जानकारी दी गई है कि चंद्रयान-3 अब चांद की कक्षा में पहुंचने से सिर्फ 6 दिन दूर है। इसरो के मुताबिक, ट्रांस-लूनर इंजेक्शन की प्रक्रिया पूरा होने में 28 से 31 मिनट के बीच का समय लगेगा।

पृथ्वी की कक्षा में चंद्रयान-3 का वेग

चंद्रयान-3 मौजूदा वक्त में 1 किमी/सेकंड और 10.3 किमी/सेकंड के बीच के वेग से एक अंडाकार कक्षा में पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा है। चंद्रयान-3 का वेग धरती के सबसे करीबी बिंदु पर सबसे ज्यादा (10.3 किमी/सेकंड) और धरती से सबसे दूर बिंदु पर सबसे कम होता है।

चंद्रयान-3 की रफ्तार को बढ़ाने की कोशिश करते समय उसको तेज रफ्तार की जरूरत होगी। दूसरा कारण यह है कि चंद्रमा की ओर बढ़ने के लिए इसके कोण को बदलना होगा, जिसे चंद्रयान-3 के धरती के सबसे करीबी बिंदु पर बदला जा सकता है।

छह घंटे में टीएलआई लोड होगा

प्रक्रिया में थ्रस्टर्स के चालू होने से लगभग पांच-छह घंटे पहले ट्रांस-लूनर इंजेक्शन (टीएलआई) के कमांड को लोड किया जाएगा। इससे चंद्रमा की ओर बढ़ने के लिए चंद्रयान-3 को अपना कोण बदलने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा थ्रस्टर्स की फायरिंग से इसकी रफ्तार भी बढ़ेगी। टीएलआई के बाद चंद्रयान-3 का वेग पेरिगी की तुलना में लगभग 0.5 किमी/सेकंड अधिक होने की उम्मीद है।