नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के संसदीय प्रतिनिधिमंडल (I.N.D.I.A Alliance Delegation) के मणिपुर पहुंचने के साथ ही लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की बहस में उठने वाले मुद्दो की फेहरिस्त बनाने की विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है।
भाजपा का एजेंडा केवल 2024 का चुनाव जीतना- चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम (Former Home Minister P Chidambaram) ने मणिपुर को देश का सबसे गंभीर संकट बताने के साथ भाजपा के लिए 2024 चुनाव जीतने को ही सबसे अहम एजेंडा मानने पर सवाल उठाकर विपक्ष की तैयारी के तेवरों का संकेत दे दिया। साथ ही बेरोजगारी, महंगाई, ध्रुवीकरण, दलितों-आदिवासियों-अलपसंख्यकों के अधिकारों पर प्रहार जैसे मुद्दो पर मोदी सरकार को घेरते हुए अविश्वास प्रस्ताव में उठाए जाने वाले विषयों की झलक साफ कर दी।
एनडीए के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है विपक्ष
मणिपुर गए प्रतिनिधिमंडल की जमीनी आकलन रिपोर्ट पर बेशक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्र की घेरेबंदी के लिए सबसे मुख्य आधार बनेगा, लेकिन बहस केवल मणिपुर तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि लोकसभा में विपक्ष ऐसे तमाम मुद्दों के तीर छोड़ेगा जो एनडीए सरकार के लिए परेशानी का सबब बने रहे हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने का विपक्षी खेमे का अहम मकसद ऐसे मुद्दों पर सरकार की विफलता का संदेश देश भर में पहुंचाना है।
विपक्ष के लिए एक बड़ा मौका है अविश्वास प्रस्ताव
अविश्वास प्रस्ताव की बहस इस लिहाज से विपक्ष को एक बड़ा मौका नजर आ रहा है और चिदंबरम ने मणिपुर के साथ कुछ दूसरे अहम मुद्दों की बात उठा इस ओर इशारा करने से गुरेज नहीं किया।
I.N.D.I.A के संसदीय दल के मणिपुर रवाना होते ही चिदंबरम ने टवीट कर कहा कि विपक्षी दलों का मानना है कि मणिपुर की स्थिति आज देश के सामने सबसे गंभीर संकट है।
क्या कहते हैं सर्वेक्षण में शामिल युवा और गृहणी
एक सर्वेक्षण में शामिल हुए 36 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। वहीं गृहणियों का कहना है कि परिवारों का भरण-पोषण करने में महंगाई-मुद्रास्फीति सबसे कठिन चुनौती है। दुनिया कह रही कि महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जनजातियों के मानवाधिकारों का दुरुपयोग भारत की गाथा का सबसे काला अध्याय है।
नफरत का एजेंडा समाज में विभाजन का मुख्य कारण- कांग्रेस
चिदंबरम के अनुसार, कांग्रेस मानना है कि नफरत का एजेंडा समाज में विभाजन का मुख्य कारण है और इसलिए आइएनडीआइए गठबंधन का कहना है कि विपक्षी दलों को एकजुट करना पहला काम है। जबकि भाजपा-एनडीए का कहना है कि 2024 में चुनाव जीतना ही उसकी सबसे प्रबल इच्छा है।