नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन का पहला संयुक्त संसदीय प्रतिनिधिमंडल आज यानी शनिवार को दो दिन के लिए मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगा। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में 20 सांसदों का यह प्रतिनिधिमंडल हिंसाग्रस्त इलाकों की जमीनी स्थिति का प्रत्यक्ष मुआयना करने के साथ कैंपों में जाकर हिंसा से विस्थापित लोगों की मुश्किलों से रूबरू होगा।
अपनी सिफारिशें भी संसद और सरकार को देगा विपक्ष
विपक्षी प्रतिनिधिमंडल अपने दौरे के बाद मणिपुर में हिंसा रोकने और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अपनी सिफारिशें भी देगा। मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार की घेरेबंदी के लिए लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल का सूबे का दो दिवसीय दौरा राजनीतिक रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले उसके पास अपने स्तर पर जमीनी स्थिति का आकलन होगा।
विपक्षी पार्टियों के सांसद करेंगे दौरा
अधीर रंजन के अलावा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई व फूलो देवी नेताम, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ललन व अनिल हेगड़े, झामुमो की महुआ मांझी, द्रमुक की कनिमोझी व रवि कुमार, एनसीपी के मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, राजद के मनोज कुमार झा, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके के टी तिरुमावलवन, भाकपा के संदोश कुमार, माकपा के ए ए रहीम, सपा के जावेद अली खान, आइयूएमएल के मोहम्मद बशीर, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, शिवसेना उद्धव गुट के अरविंद सावंत विपक्षी संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में मणिपुर 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेंगे.