दिल्ली, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण की सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए बुधवार को कहा कि सरकार के समक्ष निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक सदस्य के सवाल के जवाब में वैष्णव ने यह बात स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि सरकार रेलवे की सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे का लक्ष्य संगठन के भीतर भर्ती और रोजगार की प्रक्रिया में पारदर्शिता प्रदान करना भी है। उन्होंने 2020 से 2023 तक रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा लेवल-1 समेत विभिन्न ग्रुप-सी पदों पर चयन के आंकड़े भी दिए। वित्त वर्ष 2020-21 में 5,450 अभ्यर्थी और 2021-22 में 4,612 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।
2022-23 में यह संख्या बढ़कर 85,888 हो गई और वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 में अभी तक 50,885 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। एक सवाल के जवाब में वैष्णव ने बताया कि 30 जून, 2023 तक 14 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में रेलमार्गों का विद्युतीकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस तिथि तक 59,096 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण हो चुका है। इसमें से 37,011 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण पिछले नौ वर्षों में हुआ है।